लिम्फोमा क्या होता है ?
लिम्फोमा एक ऐसा कैंसर है जो प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) में मौजूद संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं में शुरू होता है जिन्हें लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes) कहा जाता है। ये कोशिकाएं लिम्फ नोड्स (Lymph nodes), प्लीहा (Spleen), थाइमस (Thymus), अस्थि मज्जा (Bone marrow) और शरीर के अन्य भागों में मौजूद होती हैं। जब आप लिम्फोमा से ग्रस्त होते हैं, तो लिम्फोसाइट्स बदल जाते हैं और नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगते हैं।
कैंसर तब होता है जब कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होने लगती है और वह खत्म होने की जगह फैलने लगती हैं।
लिम्फोमा के मुख्य दो प्रकार होते हैं - हॉजकिन लिम्फोमा (Hodgkin lymphoma) और गैर-हॉजकिन लिम्फोमा (Non-Hodgkin lymphoma)। लिम्फोमा के ज़्यादातर मामले गैर-हॉजकिन लिम्फोमा के होते हैं।
भारत में लिम्फोमा
केवल दिल्ली में ही, हर साल लिम्फोमा के अनुमानित 500 नए मामलों का निदान होता है। इस संख्या के करीब दो-तिहाई से अधिक पुरुष होते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि, लिम्फोमा के मामले 5% वार्षिक दर से बढ़ रहे हैं।
ग्लोबोकेन 2012 (WHO के द्वारा कैंसर पर शोध के लिए एक अंतराष्ट्रीय संगठन) के आकड़ों के अनुसार, 2012 में भारत में लिंफोमा के आंकड़े इस प्रकार थे -
- हॉजकिन लिम्फोमा - हर 100,000 पुरुषों में 5,677 मामले और हर 100,000 महिलाओं में 2,938 मामले
- गैर-हॉजकिन लिम्फोमा - हर 100,000 पुरुषों में 15,884 मामले और हर 100,000 महिलाओं में 7,918 मामले