नोकार्डियोसिस क्या है?
नोकार्डियोसिस मिट्टी या पानी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक बीमारी है। यह आपके फेफड़ों या त्वचा में शुरू होती है। यदि यह आपके रक्त प्रवाह में आ जाती है तो शरीर के अन्य हिस्सों को भी संक्रमित कर सकती है। इससे गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
नोकार्डियोसिस दो रूपों में हो सकती है। पहला, सांस के माध्यम से बैक्टीरिया अंदर जाने से व्यक्ति इस रोग के पल्मोनरी (फेफड़े) रूप का शिकार हो सकता है। दूसरा, त्वचा पर कटने से बैक्टीरिया शरीर में चला जाता है, तब त्वचा संबंधी नोकार्डियोसिस होता है।
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नोकार्डियोसिस के लक्षण क्या हैं?
नोकार्डियोसिस के लक्षणों में सीने में दर्द, खांसी, बलगम में खून, पसीना, ठंड लगना, कमजोरी, भूख न लगना, वजन कम होना और सांस लेने में कठिनाई इत्यादि शामिल हो सकते हैं। नोकार्डियोसिस के लक्षण निमोनिया और तपेदिक के समान होते हैं।
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नोकार्डियोसिस क्यों होता है?
संक्रमण रक्त प्रवाह के माध्यम से फैल सकता है जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क में फोड़े हो जाते हैं, ये बहुत ही गंभीर स्थिति हो सकती हैं। बहुत दुर्लभ और थोड़े कम गंभीर फोड़े गुर्दे, आंतों या अन्य अंगों में भी हो सकते हैं। मस्तिष्क के फोड़े से जुड़े लक्षणों में गंभीर सिरदर्द और देखने, महसूस करने और शारीरिक अंगों की गति में गड़बड़ी शामिल हो सकती है।
नोकार्डियोसिस दुनिया भर में होता है। प्रभावित अधिकांश लोग अधिक आयु वाले वयस्क होते हैं। पुरुष अक्सर महिलाओं की तुलना में ज्यादा प्रभावित होते हैं। आपके डॉक्टर परीक्षण द्वारा नाकार्डियोसिस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की पहचान करके यह पता लगाने में मदद कर सकते हैं कि क्या आपको यह बीमारी है।
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नोकार्डियोसिस का इलाज कैसे होता है?
नोकार्डियोसिस वाले लोगों को कई महीनों तक अलग-अलग प्रकार की एंटीबायोटिक्स लेने की आवश्यकता हो सकती है। यहां तक कि एक वर्ष या उससे भी अधिक तक उन्हें ये दवाएं लेनी पड़ सकती हैं। लक्षणों को लौटने से रोकने के लिए कभी-कभी उपचार लंबे समय तक दिए जाते हैं। कभी-कभी फोड़े या घाव संक्रमण को सर्जरी से निकालने की आवश्यकता होती है।
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चूंकि कुछ नोकार्डिया बैक्टीरिया की प्रजातियां कुछ एंटीबायोटिक दवाओं की प्रतिरोधी होती हैं, इसलिए संक्रमण का कारण बन रही प्रजाति का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होती है। आपके डॉक्टर यह पता लगाने के लिए टेस्ट कर सकते हैं ताकि आपको ऐसा उपचार दिया जा सके जो आपके संक्रमण को रोक पाए।