निप्पल की समस्याएं क्या हैं?
निप्पल संबंधी समस्याएं ऐसी कई नॉन-कैंसर (Noncancer) स्तनों की समस्याएं होती हैं, तो काफी महिलाओं को प्रभावित करती हैं। इनमें से कुछ समस्याएं स्तनपान से जुड़ी होती हैं और कुछ नहीं। स्तनों से संबंधित किसी भी अन्य समस्या की तरह ही निप्पल से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को पूछ लेना चाहिए।
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निप्पल संबंधी समस्या के लक्षण क्या हैं?
निप्पल संंबंधी समस्याओं के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- निप्पल रिसना जिसमें, साफ रंग का या हरा, पीला, ब्राउन या दूध जैसे रंग का द्रव आना
- निप्पल में खुजली व अन्य तकलीफ होना
- निप्पल पर किसी प्रकार का कट या खरोंच लगना व खून आना
- निप्पल में सूजन व दर्द होना
- निप्पल की आकृति में बदलाव होना
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निप्पल संबंधी समस्या क्यों होती है?
ऐसी बहुत सारी स्थितियां हैं, जिनके कारण निप्पल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
- गर्भावस्था (और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए)
- संक्रमण
- छोटा ट्यूमर (बिना कैंसर के)
- हाइपोथायरायडिज्म या अंडरएक्टिव थायराइड
- एक्टेजिया, दूध नलिकाएं चौड़ी हो जाना
- पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर
- स्तन का पेजेट रोग
- स्तन में किसी प्रकार की चोट लगना
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किसी प्रकार की रगड़ या हल्की खरोंच आने के कारण भी आपके निप्पल में दर्द या अन्य तकलीफ हो सकती है। स्तन पर तेजी से कुछ लगने या उसपर अधिक दबाव पड़ने के कारण भी निप्पल से द्रव का रिसाव होने लगता है।
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निप्पल की संमस्याओं का इलाज कैसे किया जाता है?
निप्पल की समस्या का इलाज उसके कारण के अनुसार ही किया जाता है:
- संक्रमण:
यदि किसी प्रकार के इन्फेक्शन के कारण आपको निप्पल संबंधी समस्या हो रही है, तो डॉक्टर उचित दवाओं के साथ इन्फेक्शन का इलाज करके इस स्थिति को ठीक कर सकते हैं। डॉक्टर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक दवाएं और फंगल इन्फेक्शन के लिए एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
- छोटे ट्यूमर:
यदि ट्यूमर छोटा है और किसी कैंसर के कारण नहीं बना है, तो अक्सर उसको निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, लेकिन डॉक्टर इसकी जांच करने के लिए आपको नियमित रूप से बुला सकते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह बढ़ तो नहीं रहा।
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- हाइपोथायराइडिज्म:
दवाओं की मदद से शरीर के कम हुऐ हार्मोन की फिर से पूर्ति करने से हाइपोथायरायडिज्म का इलाज किया जा सकता है।
- एक्टेजिया:
दूग्ध नलिकाओं में सूजन और एक्टेजिया जैसी स्थितियां अक्सर अपने आप ठीक हो जाती हैं। यदि यह समस्या अपने आप ठीक ना हो पाए, तो डॉक्टर ऑपरेशन की मदद से सूजन से ग्रस्त दुग्ध नलिकाओं को निकालने पर विचार भी कर सकते हैं।
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