न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 2 (एनएफ2) क्या है?
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 2 को समझने से पहले न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस (एनएफ) को जानना जरूरी है। न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस एक आनुवांशिक विकार है, जिसके कारण मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी व नसों में ट्यूमर बन सकता है। जीन में असामान्यता के कारण यह बीमारी हो सकती है। कुल दो प्रकार के एनएफ होते हैं, जिनका नाम 'न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 1' (एनएफ 1) और 'न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 2' (एनएफ 2) है। यह दोनों ही शरीर के विभिन्न हिस्सों में ट्यूमर के विकास का कारण बनते हैं।
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 2 से ज्यादा सामान्य न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 1 है। एनएफ 1 में शरीर के विभिन्न ऊतकों और अंगों में ट्यूमर हो सकता है। इसमें त्वचा संबंधित परेशानी एवं हड्डी में टेढ़ापन जैसी समस्या हो सकती है। दूसरी ओर एनएफ 2 मस्तिष्क और स्पाइनल ट्यूमर (रीढ़ की हड्डी में) विकसित हो सकता है। हालांकि, एनएफ के कारण होने वाले ज्यादातर ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं, फिर भी वे खतरनाक हो सकते हैं।
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 2 के लक्षण
एनएफ 2 के लक्षण किसी भी उम्र में सामने आ सकते हैं, लेकिन ये आमतौर पर किशोरावस्था या वयस्क होने के शुरुआती चरणों में दिखाई देते हैं। इस बीमारी के सामान्य लक्षणों हैं:
- कान में घंटी बजना
- संतुलन बनाए रखने में दिक्कत
- मोतियाबिंद
- बहरापन
- देखने में परेशानी
- हाथ और पैर में सुन्नता या कमजोरी
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 2 के कारण
एनएफ 2 एक आनुवांशिक स्थिति है। इसका मतलब यह है कि एनएफ 2 बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचारित हो सकती है। एनएफ 2 से जुड़े जीन को मेडिकल भाषा में एनएफ 2 ही कहा जाता है। एनएफ 2 जीन में गड़बड़ी व्यक्ति में कैंसर और ट्यूमर के खतरों को बढ़ा सकती है। इस बीमारी का मुख्य कारण जीन में गड़बड़ी है, लेकिन शोधकर्ता इसके सटीक कारणों के बारे में पता लगा रहे हैं।