नाक का कैंसर क्या है?
आपकी नाक में नासिका गुहा होती है, जिससे गुजर कर हवा आपके फेफड़ों तक जाती है। यह मार्ग ऐसी कोशिकाओं से मिल कर बना होता है जो बलगम बनाती है, जिससे आपकी नाक कभी भी पूरी तरह नहीं सूखती।
धूम्रपान आपके लिए एक बड़ा खतरा है जिससे नाक और साइनस का कैंसर भी हो जाता है। धुआं और विभिन्न अवयवों के संपर्क में आने से यह परिस्थिति और भी खराब हो जाती है। नाक के कैंसर का संबंध एचपीवी वायरस और लकड़ी, चमड़े, एस्बेस्टोस (asbestos - एक प्रकार का खनिज) से भी है। महिलाओं की तुलना में पुरुष इस साइनस कैंसर से अधिक प्रभावित होते हैं। आम तौर पर जब तक इस समस्या के होने का पता लग पाता है, तब तक पीड़ित व्यक्ति 50 से 60 साल की उम्र का हो चुका होता है।
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शुरुआती तौर पर इसके कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आते हैं लेकिन बाद में ये संक्रमण के लक्षणों की तरह लगते हैं। नाक के इस कैंसर में अमूमन ऐसे लक्षण नजर आते हैं जो बहुत अधिक गंभीर नहीं लगते, जैसे कि सामान्य जुकाम, बंद साइनस या नाक से पानी बहना।
डॉक्टर्स इमेजिंग टेस्ट, हल्का ट्यूब जैसा उपकरण जो नाक के अंदर जाता है और बॉयोप्सी द्वारा निदान करते हैं। इस कैंसर को रेडिएशन, कीमोथैरिपी और ऑपरेशन द्वारा भी ठीक किया जा सकता है, ये उपचार ट्यूमर के आकार के ही मुताबिक़ कम या अधिक जटिल होते हैं। अगर बात करें इनसे लंबे अर्से तक होने वाली समस्याओं की तो इससे चेहरे का आकार बिगड़ जाता है, नासिका तंत्र अवरुद्ध हो जाता है और चेहरे की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
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