नेल ​क्लबिंग (नाखून मुड़ना) - Nail Clubbing in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

November 17, 2020

November 17, 2020

नेल ​क्लबिंग
नेल ​क्लबिंग

हाथों और पैरों के नाखूनों की संरचना में बदलाव को नेल क्लबिंग कहा जाता है। इस स्थिति में नाखूनों की बनावट ऊपर या नीचे की ओर मुड़े हुए चम्मच की तरह हो जाती है। कुछ मामलों में नाखूनों के रंग भी बदलकर लाल और स्पंज जैसे हो जाते हैं। नेल क्लबिंग की समस्या अकेले या फिर अन्य लक्षणों जैसे सांस की तकलीफ या खांसी के साथ हो सकती है। इसके अलावा कई अन्य स्थितियों जैसे फेफड़ों के रोग, हृदय रोग और पाचन तंत्र की स्थितियोंं के कारण नेल क्लबिंग की स्थिति देखने को मिल सकती है। आंकड़ोंं के मुताबिक नेल क्लबिंग के 90 फीसदी मामले फेफड़े के कैंसर से संबंधित होते हैं। मेडिकल टर्म में नेल क्लबिंग को 'हाइपरट्रॉफिक ऑस्टियोआर्थ्रोपैथी' कहा जाता है।

बच्चों में नेल क्लबिंग कई कारणों जैसे सियानोटिक कॉग्नेटल हार्ट डिजीज, सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोनिक इंफ्लामेटरी बाउल सिंड्रोम से हो सकता है। सामान्य रूप से उंगलियों की बनावट का अवलोकन करते हुए डॉक्टर इस स्थिति का निदान करते हैं। इससे जुड़ी अन्य समस्याओं की पुष्टि के लिए डॉक्टर चेस्ट कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन के साथ आवश्यकतानुसार कुछ अन्य परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं। आइए इस स्थिति के बारे में विस्तार से जानते हैं।

इस लेख में हम नेल क्लबिंग के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

नेल क्लबिंग के लक्षण - Nail clubbing Symptoms in Hindi

नेल क्लबिंग की समस्या कई प्रकार के लक्षणों के साथ हो सकती है। इसकी अंतर्निहित बीमारी के आधार पर लोगों में इसके लक्षण भिन्न हो सकते हैं। आइए ऐसी ही कुछ स्थितियों और उससे संबंधित लक्षणों के बारे में जानते हैं।

श्वसन प्रणाली से जुड़े नेल क्लबिंग के लक्षण

कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से जुड़े नेल क्लबिंग के लक्षण

​गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़े नेल क्लबिंग के लक्षण

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नेल क्लबिंग का कारण - Nail clubbing Causes in Hindi

नेल क्लबिंग की समस्या के शिकार लोगों के इलाज के दौरान डॉक्टरों के दिमाग में फेफड़ों से जुड़ी स्थि​तियां सबसे पहले इसके संभावित कारणों के रूप में सामने आती हैं। नेल क्लबिंग के संभावित कारणों को निम्न श्रेणियोंं में बांटा गया है।

इडियोपैथिक

इस श्रेणी में नेल क्लबिंग बिना किसी स्पष्ट कारण के दिखाई देती है। इस स्थिति में किसी प्रकार का मेडिकल कारण भी स्पष्ट नहीं होता है।

आनुवंशिक

कुछ लोगों में नेल क्लबिंग की समस्या आनुवंशिक रूप से हो सकती है। आमतौर पर देखने को मिलता है यदि माता-पिता में से किसी को नेल क्लबिंग की समस्या है तो बच्चों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।

सेकेंडरी क्लबिंग

सेकेंडरी क्लबिंग का मतलब यह स्थिति किसी चिकित्सकीय कारणों से जुड़ी हुई है। आमतौर पर क्लबिंग निम्न कारणों से हो सकती है।

कैंसर : क्लबिंग के लगभग 29 फीसदी मामले फेफड़ों के कैंसर से जुड़े होते हैं। नॉन स्माल सेल लंग कैंसर को इसका प्रमुख कारण माना जाता है। इसके अलावा अन्य कैंसर विशेष रूप से हॉजकिन डिजीज को क्लबिंग की समस्या से जोड़कर देखा जाता है।

फेफड़े की स्थिति : ब्रोन्किएक्टेसिस, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस, एम्पाइमा, पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस और सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी फेफड़ों से जुड़ी कई स्थितियों में भी नेल क्लबिंग का खतरा होता है।

कॉग्नेटल हार्ट डिजीज : सियानोटिक हार्ट डिजीज जैसी हृदय से जुड़ी जन्मजात स्थितियोंं के कारण भी नेल क्लबिंग का खतरा होता है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां : सीलिएक स्प्रू, सिरोसिस, क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कारणों से भी नेल क्लबिंग का खतरा होता है।

एंडोक्राइन समस्याएं : हाइपोथायरायडिज्म औक खासतौर पर ग्रेव रोग में नेल क्लबिंग के लक्षण दिख सकते हैं।

नेल क्लबिंग का निदान - Diagnosis of nail clubbing in Hindi

यदि डॉक्टर को नेल क्लबिंग का संदेह होता है तो वह आपसे लक्षणों को जानने के साथ फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी पूछ सकते हैं। ज्यादातर मामलों में नेल क्लबिंग को आनुवंशिक कारणों से जोड़कर देखा जाता है। इसके आधार पर डॉक्टर फिजिकल टेस्ट करके स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास करते हैं।

इसके अलावा लक्षणों के आधार पर निम्न प्रकार के परीक्षणों को प्रयोग में ला सकते हैं।

  • सीटी स्कैन या अन्य परीक्षणों के माध्यम से फेफड़े के कैंसर के साथ-साथ फेफड़ों और हृदय से संबंधित स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना
  • हृदय की स्थिति के मूल्यांकन के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम
  • आर्टरी ब्लड गैस या पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट के माध्यम से फेफड़ों के कार्य और फेफड़ों के अंतर्निहित रोगों के बारे में पता करना
  • लिवर फंक्शन टेस्ट और थायराइड फंक्शन टेस्ट जैसे खून के परीक्षण

नेल क्लबिंग का इलाज - Nail clubbing Treatment in Hindi

नेल क्लबिंग का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। समस्या से जुड़े अंतर्निहित कारणों का इलाज कर लोगों में नेल क्लबिंग की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए जिन लोगों के हृदय वाल्व में दोष के चलते यह समस्या हो रही हो, उनमें सर्जरी के बाद नेल क्लबिंग को दूर किया जा सकता है।

नेल क्लबिंग से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने के लिए एंटी इंफ्लामेटरी दवाई दी जा सकती है। इन दवाइयों का सेवन ​दिन में केवल एक बार करना होता है। हालांकि, ध्यान रखें, किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

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