मल्टीपल एपीफिसियल डिस्प्लेसिया (एमईडी) एक ऐसी स्थिति है जो लंबी हड्डियों के छोर को प्रभावित करती है। इस स्थिति को एपिफ़िसिस के नाम से भी जाना जाता है। सामान्य रूप से कार्टिलेज ऑलिगोमेरिक मैट्रिक्स प्रोटीन में किसी प्रकार के दोष के कारण यह समस्या होती है। यह प्रोटीन कार्टिलेज में जमा होने लगता है और समय से पहले हड्डियों की क्षति का कारण बन सकता है। मल्टीपल एपीफिसियल डिस्प्लेसिया की समस्या आनुवंशिक होती है और यह बच्चों को उनके माता-पिता में से किसी एक से मिल सकती है।
मल्टीपल एपीफिसियल डिस्प्लेसिया मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है और दोनों की पहचान उनके वंशानुक्रम पैटर्न के आधार पर की जाती है। इनके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। एमईडी की समस्या वाले लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होती है जो आमतौर पर कूल्हों और घुटनों को प्रभावित कर सकती है। एमईडी वाले लोग सामान्य तौर पर छोटे कद यानी औसतन 57 से 67 इंच लंबे होते हैं। ऐसे लोगों को अंदर की ओर घूमे टखनों और जोड़ों में रक्त प्रवाह की (एवस्कुलर नेक्रोसिस) की भी समस्या हो सकती है।
मल्टीपल एपीफिसियल डिस्प्लेसिया एक दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या है। विशेषज्ञों के मुताबिक 10,000 में से एक नवजात में इस समस्या का निदान होता है। इस लेख में हम मल्टीपल एपीफिसियल डिस्प्लेसिया के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।