मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी क्या है?
मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी (एमएमएन) एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर की मोटर नर्व्स को प्रभावित करती है। यह नस मस्तिष्क या रीढ़ की नलिका से मांसपेशियों या ग्रंथि तक संवेग पहुंचाती है।
इस बीमारी में मोटर नर्व्स को शरीर को मूव करने के लिए इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजने में मुश्किल आती है। एमएमएन जानलेवा बीमारी नहीं है और ज्यादातर मामलों में उपचार के जरिए मांसपेशियों को वापस मजबूत बनाया जा सकता है।
यह बीमारी धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है और कुछ समय बाद व्यक्ति को रोजमर्रा के काम (जैसे टाइपिंग या कपड़े पहनना) करने में कठिनाई हो सकती है। इस बीमारी के निदान के बाद भी व्यक्ति कई वर्षों तक काम करने और सक्रिय रहने में सक्षम हो सकता है। अधिकांश लोगों में 40 और 50 वर्ष की उम्र में एमएमएन का निदान होता है, हालांकि यह बीमारी 20 से 80 वर्ष की उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकती है।
मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी के लक्षण
यदि किसी व्यक्ति को मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी है, तो इसके लक्षण सबसे पहले हाथ और बांह के निचले हिस्से में दिखने शुरू हो सकते हैं। इसमें मांसपेशियां में कमजोरी और मांसपेशियों में ऐंठन या झटका आना शामिल है, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। बांह या हाथ के किसी विशेष हिस्से में ऐसा होना शुरू हो सकता है जैसे कलाई या उंगलियां।
आमतौर पर ये लक्षण शरीर के एक तरफ अधिक गंभीर होते हैं। धीरे-धीरे यह रोग पैरों को भी प्रभावित करने लग सकता है। एमएमएन दर्दनाक स्थिति नहीं है। चूंकि, इसमें संवेदी नसें प्रभावित नहीं होती हैं इसलिए प्रभावित व्यक्ति अपनी बांह और हाथों को हिला सकता है, लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे इसके लक्षण गंभीर रूप लेते जाते हैं।
मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी का कारण
डॉक्टरों को अभी तक इस बीमारी के कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिका कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। फिलहाल शोधकर्ता इस रोग के कारण का पता लगाने के लिए अध्ययन कर रहे हैं।
मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी का इलाज
अगर किसी व्यक्ति में मल्टीफोकल मोटर न्यूरोपैथी के लक्षण बहुत हल्के हैं तो उसे उपचार की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जिन मामलों में उपचार की आवश्यकता होती है, उनमें डॉक्टर संभवतः इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन (आईवीआईजी) नामक दवा लिख सकते हैं।
इसमें सुई के जरिए सीधा नसों में दवा पहुंचाई जाती है। आमतौर पर डॉक्टर इसका इंजेक्शन लगवाते हैं लेकिन आप घर पर भी खुद इसे लगाना सीख सकते हैं। यदि आईवीआईजी असर करता है, तो 3 से 6 सप्ताह के अंदर ही आपको मांसपेशियों की ताकत में सुधार महसूस होगा।
हालांकि, समय के साथ दवा का प्रभाव खत्म हो जाता है, इसलिए आपको बार-बार ये इंजेक्शन लेना पड़ता है। आमतौर पर महीने में एक बार इसका इंजेक्शन लगवाया जाता है लेकिन स्थिति के आधार पर इससे कम या ज्यादा बार इंजेक्शन लगवाने की जरूरत पड़ सकती है। आईवीआईजी का कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं, लेकिन यह महंगा हो सकता है।
डॉक्टर इस दवा को त्वचा के जरिए सीधे लेने पर परीक्षण कर रहे हैं लेकिन यह तरीका सभी के लिए उपलब्ध नहीं है। इस बीमारी में हाथ और बांह कमजोर हो सकते हैं जिसकी वजह से रोजमर्रा के कार्यों को करने में दिक्कत आती है। ऐसे में लक्षणों की पहचान करने के बाद न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं।