म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 क्या है?  

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 (mucopolysaccharidosis type I) बचपन में शुरू होता है। यह एक अनुवांशिक समस्या होती है, इसको आप किसी अन्य संक्रमण की तरह बाहर से प्राप्त नहीं करते हैं 

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 (एमपीएस 1) में व्यक्ति का शरीर अल्फा एल आईड्यूरोनाइडेस (alpha-L iduronidase) नामक प्रोटीन को बनाना बंद कर देता है। शरीर की कोशिकाओं में बनने वाली विशेष तरह की शर्करा (चीनी) को तोड़ने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। यह शर्करा शरीर को नुकसान पहुंचाने का कार्य करती है। 

(और पढ़ें - प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारी)

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 के लक्षण क्या हैं?

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 के संकेत और लक्षण जन्म के समय नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है लक्षण सामने आना शुरू हो जाते हैं। हल्के एमपीएस 1 की अपेक्षा गंभीर एमपीएस 1 वाले लोगों को इसके लक्षण जल्द दिखाई देते हैं। इस समस्या में बच्चे के होंठ, सिर, गाल, जीभ और नाक का आकार बढ़ जाता है। इसके अलावा बच्चे का स्वरयंत्र बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसकी आवाज में भारीपन आ जाता है। साथ ही बच्चे को बार-बार ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण होने लगता है। 

(और पढ़ें - आवाज़ को सुरीली कैसे बनाएं)

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 क्यों होता है?

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1 आनुवांशिक तौर पर मिलने वाली समस्या है। लेकिन रोगी को यह समस्या तब होती है जब वह माता-पिता दोनों से ही टूटे हुए जीन को ग्रहण करता है। यदि आप माता पिता से एक सामान्य जीन और एक खराब जीन प्राप्त करते हैं तो ऐसे में आपको एमपीएस 1 के लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन इस स्थिति में आप अपने बच्चों को एमपीएस 1 के जीन प्रदान कर सकते हैं। 

म्यूकोपोलिसेकेरीडोसिस 1​ का इलाज कैसे होता है?

इस समस्या का इलाज एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी (ERT: ईआरटी) के द्वारा किया जाता है। इस इलाज में ऐसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर में ना बनने वाले प्रोटीन (अल्फा एल आईड्यूरोनाइडेस) की कमी को पूरा करती है। 

(और पढ़ें - स्पीच थेरेपी के फायदे)

सम्बंधित लेख

और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें