मोटर न्यूरॉन डिजीज​ क्या है?

मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमएनडी) एक असामान्य स्थिति है, जो मस्तिष्क और तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है। इसकी वजह से शरीर में कमजोरी आ जाती है जो कि समय के साथ बदतर हो जाती है। यह स्थिति लगभग हर मामले में घातक होती है और इसकी वजह से जिंदगी के कई साल कम हो सकते हैं लेकिन कुछ लोग इस बीमारी के साथ भी कई साल जी जाते हैं।

वैसे तो इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दैनिक जीवन पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए उपचार उपलब्ध है। 

मोटर न्यूरॉन डिजीज के लक्षण

मोटर न्यूरॉन डिजीज के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं और हो सकता है कि पहली बार में आप इन्हें पहचान न सकें। इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों में शामिल हो सकते हैं -

  • टखने या पैर में कमजोरी, सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई
  • बोलने में दिक्कत 
  • कुछ खाद्य पदार्थों को निगलने में कठिनाई
  • पकड़ कमजोर होना, कई बार हाथ से चीजें गिर सकती हैं या ढक्कन या बटन को खोलने में दिक्कत हो सकती है
  • मांसपेशियों में ऐंठन और झटके आना
  • वजन कम होना, समय के साथ हाथ या पैर की मांसपेशियां कमजोर होना 
  • अनुचित परिस्थितियों में खुद को रोने या हंसने से न रोक पाना

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मोटर न्यूरॉन डिजीज के कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी के लगभग 10 फीसदी मामले अनुवांशिक होते हैं जबकि अन्य 90 फीसदी मामलों में पर्यावरणीय कारक शामिल हो सकते हैं। वैसे इस बीमारी के सटीक कारण के बारे में डॉक्टरों को जानकारी नहीं है, लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिजीज एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के अनुसार जेनेटिक, विषाक्त पदार्थ, वायरस और अन्य पर्यावरणीय कारक इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।

मोटर न्यूरॉन डिजीज का इलाज

मोटर न्यूरॉन डिजीज का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है, लेकिन इस बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए ट्रीटमेंट दी जा सकती है। विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा प्रभावित व्यक्ति की देखभाल की जाती है। इसके उपचार में शामिल हैं -

  • रोजमर्रा के कार्यों को आसान बनाने में मदद करने के लिए एक नर्स और ऑक्यूपेशनल थेरेपी की मदद ली जा सकती है।
  • शरीर को मजबूत बनाने और अकड़न को कम करने के लिए फिजियोथेरेपी एवं व्यायाम करना।
  • स्पीच और लैंग्वेज थेरेपिस्ट (बोलने, लिखने या पढ़ने में आ रही कठिनाइयों को दूर करने में मदद करने वाले एक्सपर्ट) से सलाह लेना।
  • आहार और खानपान के बारे में डाइटीशियन से सलाह लेना।
  • रिलुजोल दवा जिसका तंत्रिका विकार की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • मांसपेशियों की जकड़न और लार से संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करने वाली दवा।
  • मरीज को भावनात्मक रूप से सहारा देना।

मोटर न्यूरोन डिजीज एक असामान्य स्थिति है जो मुख्य रूप से 60 और 70 वर्ष के उम्र में लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन यह हर उम्र के वयस्कों को अपनी चपेट में ले सकती है। मस्तिष्क की कोशिकाओं और मोटर नर्व्स नामक तंत्रिका में किसी समस्या के कारण ऐसा होता है। समय के साथ ये कोशिकाएं धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं।

अगर यह बीमारी आपके किसी करीबी रिश्तेदार को है तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। ऐसे में लक्षणों की पहचान के बाद डॉक्टर को तुरंत दिखाएं, ताकि लक्षणों को समय पर नियंत्रित किया जा सके।

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