मिसोफोनिया एक ऐसा विकार है जिसमें लोगों को विशेष प्रकार की ध्वनियों से काफी परेशानी होती है। उन आवाजों के खिलाफ कई बार नकारात्मक और कठोर प्रतिक्रियाएं भी आ सकती है। यह आवाजें कोई भी हो सकती हैं जैसे कुछ भी चबाना, कलम को खटखटाना, पैरों को घसीटना आदि। जिन लोगों को मिसोफोनिया की शिकायत होती है वह विशेष ध्वनियों के प्रति खुद की प्रतिक्रिया और अनुभव को पागल कर देने वाला बताते हैं। मतलब उनकी प्रतिक्रियाएं भयंकर गुस्से, झुंझलाहट जैसी अभिव्यक्तियों के माध्यम से बाहर आती हैं।
कीबोर्ड की आवाज हो या कार के शीशे के वायपर, ऐसे लोगों को कुछ विशेष आवाजों के खिलाफ चिढ़न पैदा करने वाली अनुभूति हो सकती है। डॉक्टरी भाषा में इस समस्या को सेलेक्टिव साउंड सेंसटिविटी सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। कभी-कभी इस प्रकार की आवाजें व्यक्ति को इस कदर परेशान कर देती हैं कि यह आइसोलेशन और डिप्रेशन जैसी स्थितियों को भी जन्म दे सकता है। मिसोफोनिया को लेकर अब भी शोध जारी हैं। डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स, फिफ्थ एडिशन (डीएसएम-5) में अब भी इस विकार के मानदंडों को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ डॉक्टरों ने इसे "ऑब्सेसिव कंपल्सिव एंड रिलेटेड डिसऑर्डर" के तहत प्रस्तावित किया है।
इस लेख में हम मिसोफोनिया के लक्षण, कारण और इलाज के माध्यमों के बारे में जानेंगे।