मेथनॉल विषाक्तता क्या है?
मेथनॉल को "वुड एल्कोहल" (Wood alcohol) के नाम से भी जाना जाता है। यह आमतौर पर इस्तेमाल किया जाना वाला ऑर्गेनिक सोलवेंट होता है। इसकी विषाक्तता के कारण यह शरीर में मेटाबॉलिक व न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा कर सकता है और यदि निगल लिया जाए तो यहां तक की मृत्यु का कारण भी बन सकता है। मेथनॉल का उपयोग उद्योगों में काफी किया जाता है और यह मिलावटी अल्कोहल पेय पदार्थों में भी पाया जाता है।
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मेथनॉल विषाक्तता के क्या लक्षण हैं?
मेथनॉल पाइजनिंग के शुरूआती लक्षण हैं केंद्रिय तंत्रिका प्रणाली में तनाव, सिरदर्द, चक्कर आना, मतली आना और उलझन महसूस होना। कुछ गंभीर मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। मेथनॉल के संपर्क में आने की बजाए यदि मेथनॉल को निगल लिया है, तो उसके लक्षण और गंभीर हो सकते हैं।
जब शुरूआती लक्षण खत्म हो जाते हैं, तो उसके 10 से 30 घंटों के बाद दूसरे लक्षण शुरू होने लगते हैं। इन लक्षणों में धुंधला दिखाई देना या अंधापन, एसिडोसिस और पुटामिनल हेमोरेज शामिल हैं। इस स्थिति में श्वसन तंत्र काम करना बंद कर सकता है, जिस कारण से मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
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मेथनॉल पाइजनिंग क्यों होती है?
मेथनॉल कई पदार्थों में पाया जाता है, जिनके संपर्क में आने या निगलने से मेथनॉल विषाक्ता हो जाती है, जैसे:
- एंटीफ्रीज
- कई डिब्बा बंद पदार्थ (जिनको बंद डिब्बे के साथ गर्म किया जाता है)
- कोपी मशीन का फ्लूड
- डिआइसिंग फ्लूड
- थिनर
- पेंट रिमूवर
- लाख
- रंग-रोग़न
- वाइंजशील्ड वाइपर फ्लूड
मेथनॉल विषाक्तता का इलाज कैसे किया जाता है?
स्थिति का इलाज करने के लिए डॉक्टर व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों की जांच करते हैं, जैसे तापमान, नब्ज, सासों की दर और ब्लड प्रेशर आदि। स्थिति की ठीक तरीके से जांच करने के लिए पेशाब व खून टेस्ट, एक्स रे और सीटी स्कैन आदि जैसे टेस्ट किए जा सकते हैं।
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इलाज के दौरान मरीज को निम्न दिया जा सकता है:
- एक्टिवेटेड चारकोल।
- ऑक्सीजन मास्क, वेंटीलेटर या मुंह के द्वारा ब्रिथिंग ट्यूब।
- कुछ प्रकार की दवाएं जो लक्षणों को कम करती हैं जैसे एंटीडोट इनमें फोमेपिजोल या एथानोल आदि शामिल हैं।
- नसों के द्वारा मरीज के शरीर में द्रव पहुंचाना।
- जल्द से जल्द मेथनॉल को शरीर से बाहर निकाल कर ही मरीज की जान बचाई जा सकती है, इसलिए डॉक्टर मरीज को किडनी डायलिसिस दे सकते हैं।
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