याददाश्त खोना क्या है?
याददाश्त को अनुभवों, विचारों, भावनाओं, उत्तेजनाओं, कल्पनाओं और ज्ञान की याद या स्मरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
याददाश्त की समस्याएं इनमें से कुछ या सभी प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ याददाश्त की समस्याएं धीरे-धीरे विकसित होती हैं, जबकि कुछ अचानक ही हो जाती हैं। कुछ प्रकार की समस्याएं ठीक हो जाती हैं और अन्य समस्याओं में याददाश्त धीरे-धीरे स्थायी रूप से खराब होती है। हमारे दिमाग को महत्वपूर्ण तथ्यों, भविष्य की योजनाओं, शब्दों व अन्य चीज़ों को याद रखना होता है। इन सब को पूरा करने के लिए मस्तिष्क सब जानकारी को स्टोर करता है और फिर जब हमें इसकी आवश्यकता होती है तो इसे प्राप्त कराता है।
कुछ हद तक यादादश्त के कमजोर होने की समस्याओं का उम्र बढ़ने के साथ होना आम बात है। जबकि अल्जाइमर रोग और संबंधित विकारों से संबंधित याददाश्त की कमजोरी और सामान्य याददाश्त में कमजोरी होने के बीच अंतर होता है। कई बार किसी उपचार के दौरान हमारी याददाश्त कमजोर हो जाती है।
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यदि आपको याददाश्त संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो इसके निदान और उचित देखभाल के लिए अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
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