मेगालोब्लास्टिक एनीमिया - Megaloblastic Anemia in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

October 09, 2020

November 20, 2024

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया
मेगालोब्लास्टिक एनीमिया

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया एक प्रकार का एनीमिया है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या सामान्य से कम होती है। लाल रक्त कोशिकाएं शरीर में फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर बाकी हिस्सों तक पहुंचाती हैं। जब शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं, तो ऐसे में ऊतकों और अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।

एनीमिया के कई प्रकार हैं, जिनके कारण और लक्षण अलग अलग हैं। मेगालोब्लास्टिक एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा बड़ी हो जाती हैं। इसे विटामिन बी-12 की कमी या फोलेट की कमी वाला एनीमिया या मैक्रोसाइटिक एनीमिया के रूप में भी जाना जाता है।

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया तब होता है जब लाल रक्त कोशिकाएं ठीक से बन नहीं पाती हैं। कोशिकाएं बहुत बड़ी होने के कारण, वे रक्तप्रवाह में प्रवेश करने और ऑक्सीजन पहुंचाने में असमर्थ हो जाते हैं।

(और पढ़ें - एनीमिया डाइट चार्ट)

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया के लक्षण क्या हैं? - Megaloblastic Anemia Symptoms in Hindi

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं लेकिन इसका सबसे आम लक्षण थकान है। अन्य लक्षणों में शामिल हैं :

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का कारण क्या है? - Megaloblastic Anemia Causes in Hindi

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया के दो सबसे आम कारण विटामिन बी-12 या फोलेट की कमी है। स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए ये दोनों पोषक तत्व आवश्यक हैं। यदि यह पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं, तो यह आपके लाल रक्त कोशिकाओं की बनावट को खराब कर सकते हैं।

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का निदान कैसे होता है? - Megaloblastic Anemia Diagnosis in Hindi

एनीमिया के कई रूपों का निदान सीबीसी टेस्ट के जरिए किया जा सकता है। यह परीक्षण खून के विभिन्न भागों को मापता है। इसके माध्यम से डॉक्टर लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या और उपस्थिति की आसानी से जांच कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को मेगालोब्लास्टिक एनीमिया है तो ऐसे में लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य से बड़ी और अविकसित दिखाई देंगी। डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री और फिजिकल टेस्ट की भी मदद ले सकते हैं।

यदि विटामिन की कमी की वजह से एनीमिया है तो ऐसे में डॉक्टर को अन्य ब्लड टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है। ये टेस्ट उन्हें यह पता लगाने में भी मदद कर सकते हैं कि इसका कारण फोलेट की कमी तो नहीं।

इसके अलावा डॉक्टर शिलिंग टेस्ट भी कर सकते हैं। यह एक तरह का ब्लड टेस्ट है जो विटामिन बी-12 को अवशोषित करने की क्षमता का मूल्यांकन करता है।

(और पढ़ें - विटामिन और मिनरल की कमी के लक्षण)

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का इलाज कैसे किया जाता है? - Megaloblastic Anemia Treatment in Hindi

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। इसके अलावा उपचार योजना बीमार व्यक्ति की उम्र, उसके स्वास्थ्य के साथ-साथ उपचारों के प्रति प्रतिक्रिया और बीमारी कितनी गंभीर है, इस पर भी निर्भर कर सकती है।

(1) विटामिन बी-12 की कमी

जब विटामिन बी-12 की कमी की वजह से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया होता है तब विटामिन बी-12 के इंजेक्शन मासिक तौर पर लगवाने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, मौखिक रूप से सप्लीमेंट भी लिए जा सकते हैं। आहार में विटामिन बी-12 वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने से भी आपको मदद मिल सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थ निम्नवत हैं :

(2) फोलेट की कमी

जब फोलेट की कमी की वजह से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया होता है तो ऐसे में मौखिक या आईवी माध्यम से फोलिक एसिड की खुराक दी जा सकती है। आहार परिवर्तन भी फोलेट के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। ऐसे खाद्य पदार्थ निम्नवत हैं :

(और पढ़ें - फोलिक एसिड टेस्ट क्या है)



मेगालोब्लास्टिक एनीमिया की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Megaloblastic Anemia in Hindi

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।