मिडियन तंत्रिका में चोट क्या है?
मिडियन तंत्रिका हाथ की कई मांसपेशियों से होती हुई कंधे से लेकर कलाई तक जाती है। जब भी किसी कारण मिडियन तंत्रिका को कोई नुकसान पहुंचता है तो उसे मिडियन तंत्रिका में चोट कहा जाता है। यह दो तरह की होती है, अगर नाड़ी को क्षति ऊपरी भाग में होती है (जैसे कोहनी से लेकर बांह की कलाई तक) तो इसे "हाई मिडियन नर्व इंजरी" (High median nerve injury) कहते हैं , और अगर यह कलाई या उसके आसपास के क्षेत्र में होती है तो उसे "लो मिडियन नर्व इंजरी" (low median nerve injury) कहा जाता है ।
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मिडियन तंत्रिका में चोट के लक्ष्ण क्या हैं?
मिडियन तंत्रिका में चोट के कई लक्ष्ण हैं जैसे हाथ घुमाने में दिक्कत होना या न घुमा पाना, कलाई को घुमाने में परेशानी होना, हाथ के आगे के हिस्से में झनझनाहट होना या सुन्न महसूस होना, कुछ भी पकड़ने में समस्या होना, रात में कलाई में दर्द होना, अंगूठे को हथेली की तरफ न घुमा पाना आदि।
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मिडियन तंत्रिका में चोट क्यों लगती है?
मिडियन तंत्रिका में चोट आमतौर पर बाजू, हाथ के आगे वाले हिस्से या कलाई में गहराई तक पहुंची चोट के कारण होती है।
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मिडियन तंत्रिका में चोट का इलाज कैसे होता है?
ज्यादातर मिडियन तंत्रिका में चोट किसी अन्य चोट की वजह से होती है। ऐसे में इसकी वजह बनने वाली गंभीर चोट को पहले ठीक करना जरूरी होता है, क्योंकि इससे फ्रैक्चर या मुलायम ऊतक को चोट पहुंच सकती है। चोट के कारणों का इलाज करने से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। आर.आई.सी.ई (रेस्ट, आईस, कम्प्रेशन और एलिवेशन - rest, ice, compression, and elevation) थेरेपी मुलायम ऊतक में चोट को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह सूजन को कम करती है, जिससे मिडियन तंत्रिका में दबाव कम होता है। इसमें सर्जरी भी की जाती है जिससे कोहनी की हड्डी को अपनी जगह पर वापस लाया जाता है। फ्रैक्चर हो जाने से नसों पर दबाव पड़ता है और हड्डी को दोबारा अपनी जगह पर वापस लाने से नसों का दबाव कम हो जाता है।
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