मैड काऊ डिजीज क्या है?
मैड काऊ डिजीज एक ऐसी बीमारी है जो सूक्ष्मजीवों के कारण होती है। ये बीमारी पशुओं के दिमाग को प्रभावित करती है और उनके दिमाग के ऊतकों में बदलाव करने लगती है। इस इन्फेक्शन के कारण दिमाग में छोटे-छोटे छेद होने लगते हैं, जिससे दिमाग एक स्पंज की तरह लगने लगता है। इन छेदों के कारण दिमाग धीरे-धीरे खराब होने लगता है और इसके बाद अन्य समस्याएं होती हैं।
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मैड काऊ डिजीज क्यों होती है?
अगर कोई व्यक्ति मैड काऊ डिजीज से संक्रमित पशु के उस प्रभावित ऊतक को खा ले, तो उसे भी ये बीमारी हो जाती है। मैड काऊ डिजीज को "क्रूट्सफेल्ड जेकब रोग" (Creutzfeldt-Jakob disease) भी कहा जाता है और ये बीमारी जानलेवा होती है।
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मैड काऊ डिजीज के लक्षण क्या है?
ये बीमारी किसी भी उम्र व लिंग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। मैड काऊ डिजीज होने पर व्यक्ति को तंत्रिकाओं से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं, जैसे डिप्रेशन और शरीर के अंगों में ताल-मेल बिठाने में दिक्कत। समस्या बढ़ने पर व्यक्ति को डिमेंशिया भी हो सकता है।
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मैड काऊ डिजीज का इलाज कैसे किया जाता है?
मैड काऊ डिजीज का पता लगाने के लिए डॉक्टर ईईजी टेस्ट, मस्तिष्क का एमआरआई या दिमाग व रीढ़ की हड्डी में मौजूद द्रव की जांच कर सकते हैं। हालांकि, बीमारी बढ़ने पर ही मस्तिष्क की असामान्यताएं एमआरआई में दिखाई देती हैं।
इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों से आराम के लिए आपका उपचार किया जा सकता है, जैसे अगर किसी व्यक्ति को मैड काऊ डिजीज के कारण दौरे पड़ रहे हैं, तो उसे दौरे नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। हालांकि, इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की कुछ समय में मौत हो ही जाती है।
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