लिम्फेडेमा - Lymphatic obstruction in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

September 28, 2019

June 20, 2023

लिम्फेडेमा
लिम्फेडेमा

लिम्फेडिमा क्या है?

लिम्फेडिमा या लिम्फैटिक ऑब्सट्रक्शन एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसमें शरीर के ऊतकों में अतिरिक्त द्रव जमा होने लगता है, जिससे सूजन आने लगती है। लसीका प्रणाली (लिम्फैटिक सिस्टम) शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इसमें एक विशेष प्रकार का द्रव होता है, जिसे लसीका (लिम्फ) कहा जाता है। यह द्रव लसीका प्रणाली में संचारित होता है। लसीका प्रणाली में किसी प्रकार की रुकावट होने के कारण ही लिम्फेडिमा होता है।

लिम्फैटिक ऑब्सट्रक्शन आमतौर पर एक टांग या बांह को प्रभावित करता है, जबकि कुछ मामलों में इससे दोनों टांगें व बांह प्रभावित हो सकती हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में सिर, जननांग और छाती में भी सूजन देखी जा सकती है।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)

लिम्फेडेमा के प्रकार - Types of Lymphedema in Hindi

लिम्फेडिमा के आमतौर पर दो प्रकार हैं -

  • प्राइमरी लिम्फेडिमा -
    इसे आमतौर पर कंजेनिटल लिम्फेडिमा भी कहा जाता है। यह शिशु को जन्म से ही होता है या फिर प्यूबर्टी के कुछ ही समय बाद यह विकसित हो जाता है। लिम्फेडिमा का ये प्रकार दुर्लभ है, यह 6000 लोगों में से 1 को होता है।
     
  • सेकेंडरी लिम्फेडिमा -
    लिम्फेडिमा का यह प्रकार आमतौर पर किसी अन्य स्थिति के कारण होता है। इसमें आमतौर पर संक्रमण, चोट लगना और कैंसर आदि शामिल हैं।
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लिम्फेडेमा के लक्षण - Lymphedema Symptoms in Hindi

लिम्फेडिमा के लक्षण मुख्य रूप से रोग के प्रकार और उसके अंदरूनी कारणों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इसके कुछ लक्षण हैं, जो मुख्य रूप से टांग व बांह को प्रभावित करते हैं, उनमें निम्न शामिल हैं -

  • पूरी टांग या किसी हिस्से में सूजन होना
  • बांह के पूरे हिस्से या कुछ ही भाग में सूजन हो जाना
  • प्रभावित हिस्से को अधिक हिला-ढुला न पाना
  • प्रभावित अंग में दर्द रहना
  • बार-बार संक्रमण होना
  • त्वचा सख्त व मोटी हो जाना (फाइब्रोसिस)

लिम्फेडिमा से होने वाली सूजन आमतौर पर गंभीर नहीं होती है और ऐसे में इससे होने वाले बदलाव दिखाई भी नहीं देते हैं। जबकि कुछ मामलों इससे स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति को गंभीर दर्द होने के साथ-साथ वह प्रभावित हिस्से को हिला भी नहीं पाते हैं। कैंसर के इलाज प्रक्रिया के कारण होने वाला लिम्फैटिक ऑब्सट्रक्शन के लक्षण आमतौर पर कई सालों बाद धीरे-धीरे विकसित होते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको बांह या टांग में कहीं सूजन दिखाई दे रही है, तो आपको डॉक्टर से यह समस्या दिखा लेनी चाहिए। यदि उपरोक्त में कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा है और एक या दो दिन के भीतर ठीक नहीं हुआ है, तो भी डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

यदि आपको पहले ही लिम्फैटिक ऑब्सट्रक्शन की पुष्टि हो चुकी है, तो प्रभावित हिस्से में कोई भी असामान्य बदलाव होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यह स्थिति के गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

(और पढ़ें - सिस्टिक फाइब्रोसिस क्या है)

लिम्फेडेमा के कारण - Lymphedema Causes in Hindi

प्राइमरी लिम्फेडिमा आमतौर पर लसीका प्रणाली से जुड़े गुणसूत्रों में किसी प्रकार का उत्परिवर्तन होने के कारण होता है। ये असाधारण गुणसूत्र लसीका प्रणाली के विकसित होने की प्रक्रिया को प्रभावित कर देती है। परिणामस्वरूप लसीका प्रणाली के अंदरूनी हिस्से ठीक से बन नहीं पाते हैं और प्रणाली के अंदर मौजूद द्रव ठीक से बह न पाने के कारण एक जगह पर ही जमा होने लगता है।

सेकेंडरी लिम्फेडिमा के कई अंदरूनी कारणों से हो सकता है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है -

  • कैंसर सर्जरी -
    कैंसर भी शरीर की लसीका प्रणाली के माध्यम से फैल जाता है। कभी-कभी सर्जरी करने वाले डॉक्टर कैंसर को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित हिस्से से लिम्फ नोड को ही निकाल देते हैं। लिम्फ नोड्स को निकाल देने के कारण भी लसीका प्रणाली प्रभावित हो जाती है और लिम्फेडिमा विकसित हो जाता है।
     
  • रेडिएशन थेरेपी -
    कैंसरग्रस्त ऊतकों को नष्ट करने के लिए रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल भी किया जाता है। ऐसे में कई बार आस-पास के प्रभावित ऊतक भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिनमें लसीका प्रणाली भी शामिल है। यह स्थिति भी लिम्फेडिमा का कारण बन सकती है।
     
  • संक्रमण -
    कोशिकाओं में होने वाले कुछ गंभीर संक्रमण भी लसीका प्रणाली के आस-पास के ऊतकों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। ऐसी स्थिति में प्रभावित हिस्सों में स्कार ऊतक बन जाते हैं और परिणामस्वरूप लिम्फेडिमा हो सकता है। कुछ प्रकार के परजीवी संक्रमण भी लिम्फेडिमा का कारण बन सकते हैं।
     
  • इन्फ्लेमेटरी डिजीज -
    सूजन व लालिमा से संबंधित रोग भी हैं, जो लिम्फेडिमा का कारण बन जाते हैं। लिम्फ नोड्स के आस-पास गंभीर सूजन आने से लसीका प्रणाली स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती है और लिम्फेडिमा विकसित हो जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस और एक्जिमा इन्फ्लेमेटरी डिजीज के मुख्य प्रकार हैं।
     
  • हृदय संबंधी रोग -
    ये हृदय की सामान्य संचारण प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले रोग हैं। हृदय रोगों में शरीर को सामान्य रूप से रक्त नहीं मिल पाता है, जिससे प्रभावित हिस्सों में डीप वेन थ्रोम्बोसिस, विनस लेग अल्सर और वैरिकोज वेन्स जैसे रोग होने लगते हैं। इन रोगों के परिणामस्वरूप लिम्फेडिमा भी विकसित हो सकता है।
     
  • चोट लगना -
    बहुत ही दुर्लभ मामलों में चोट लगने या जलने आदि के कारण त्वचा में होने वाली क्षति के कारण भी स्कार ऊतक बन जाते हैं और परिणामस्वरूप लिम्फैटिक ऑब्सट्रक्शन हो जाता है।

(और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज कैसे किया जाता है)

लिम्फेडेमा का परीक्षण - Diagnosis of Lymphedema in Hindi

लिम्फेडिमा का पता लगाने के लिए डॉक्टर प्रभावित हिस्से की करीब से जांच करते हैं और साथ ही मरीज से उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारियां ली जाती हैं। मरीज से पहले कभी हुई किसी बीमारी के बारे में पूछा जाता है, जैसे हृदय, किडनी या लिवर संबंधी रोग आदि। यदि मरीज की पहले कोई सर्जरी हुई है, तो इस बारे में भी पूछा जा सकता है। यदि सूजन के अंदरूनी कारण की पुष्टि नहीं हो पाई है, तो डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकते हैं -

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

लिम्फेडेमा का इलाज - Lymphedema Treatment in Hindi

अभी तक ऐसा कोई इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिसकी मदद से लिम्फेडिमा को जड़ से खत्म किया जा सके। हालांकि, ऐसे इलाज उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से सूजन, दर्द व इससे जुड़े अन्य लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर हल्के दबाव के साथ पट्टी बांधते हैं, जिस प्रक्रिया को कॉम्प्रेशन ट्रीटमेंट कहा जाता है। कॉम्प्रेशन ट्रीटमेंट में निम्न शामिल हैं -

  • न्यूमेटिक कॉम्प्रेशन डिवाइस -
    इसमें स्लीव एक विशेष पंप के साथ जुड़ी होती हैं। यह पंप उन स्लीप में दबाव के साथ हवा भरकर प्रभावित हिस्से के चारों तरफ हल्का दबाव पैदा करता है। इन उपकरणों को डॉक्टर सिर्फ अस्पताल में या कई बार घर पर इस्तेमाल करने की सलाह भी दे सकते  हैं। हालांकि, डॉक्टर कुछ लोगों को यह उपकरण इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देते हैं, इनमें मुख्य रूप से हृदय रोग, डीप वेन थ्रोम्बोसिस और कुछ विशेष प्रकार के संक्रमणों से ग्रस्त लोग शामिल हैं।
     
  • व्यायाम -
    इस इलाज प्रक्रिया में डॉक्टर कुछ विशेष प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दे सकते हैं। ये व्यायाम प्रभावित अंग की मांसपेशियों को उत्तेजित कर देते हैं, जिससे लसीका द्रव का बहाव फिर से सामान्य हो जाता है।
     
  • सर्जिकल प्रक्रियाएं -
    यदि उपरोक्त इलाज प्रक्रियाएं ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं, तो डॉक्टर सर्जरी की मदद से एकत्रित हुए लसीका द्रव को निकाल सकते हैं। सर्जरी की मदद से प्रभावित ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया से सिर्फ लक्षणों को कम किया जा सकता है, यह लिम्फेडिमा का स्थायी इलाज नहीं है।
     
  • संक्रमण का इलाज -
    यदि लसीका प्रणाली से जुड़े ऊतकों में संक्रमण हो गया है, तो उसका इलाज करने के लिए डॉक्टर संक्रमण के प्रकार का पता लगाते हैं। उदाहरण के लिए यदि यह बैक्टीरियल संक्रमण है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स देते हैं। यदि फंगल संक्रमण है, तो एंटीफंगल दवाओं का कोर्स शुरू किया जाता है। संक्रमण का इलाज करने वाली दवाएं खाने, लगाने और इंजेक्शन के रूप में आती हैं। डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया गया कोर्स पूरा करना अत्यंत आवश्यक होता है, अन्यथा संक्रमण फिर से विकसित होने लगता है।

इसके अलावा मरीज को महसूस हो रहे लक्षणों के अनुसार अन्य दवाएं भी दी जा सकती हैं, जिनमें मुख्य रूप से दर्द व सूजन को रोकने वाली दवाएं शामिल हैं।

(और पढ़ें - व्यायाम करने का सही तरीका)



संदर्भ

  1. CDC [Internet]. Centers for Disease Control and Prevention; Lymphedema
  2. NHS [Internet]. National Health Services; Lymphedema
  3. Arjun Gupta, et al. JAMA Oncology Patient Page: Lymphedema JAMA Oncol. 2018;4(5):755.
  4. Sumner Slavin' et al. Lymphedema: A Comprehensive Review Ann Plast Surg . 2007 Oct;59(4):464-72. PMID: 17901744
  5. Jesse Selber, et al. Diagnosis and Staging of Lymphedema Semin Plast Surg. 2018 Feb; 32(1): 12–16. PMID: 29636648
  6. Kaori Tane, et al. Lymphedema: From diagnosis to treatment Turk J Surg. 2017; 33(2): 51–57. PMID: 28740950.

लिम्फेडेमा के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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Dr. Tanmay Bharani Dr. Tanmay Bharani एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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