तुतलाना (लिस्पिंग) बोलने से जुड़ा एक विकार है, जिसमें कोई बच्चा या व्यक्ति कुछ अक्षरों या शब्दों का उच्चारण सही से नहीं कर पाता है। उदाहरण के लिए वह जरूर को 'जलूल', कूकर की जगह 'तूतर' और क्या की जगह 'त्या' का उच्चारण करेगा।
भारत में जिन लोगों को तुतलाने की समस्या है, वे कुछ अक्षरों की जगह 'त या ल' अक्षर का इस्तेमाल करते हैं यही वजह है कि इसे हिंदी में तुतलाना कहा जाता है। वैसे तो यह दुर्लभ और लालइलाज नहीं है, लेकिन यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो यह चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि अक्सर ऐसे बच्चों के सहयोगी उन्हें चिढ़ा सकते हैं, इससे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती है।
यह स्थिति 'स्पीच डिसऑर्डर' के अंतर्गत आती है, जिसमें बच्चा या कोई व्यक्ति सही से कुछ शब्दों या अक्षरों का उच्चारण नहीं कर पाता है। खैर, अच्छी बात यह है कि उचित या जल्दी ट्रीटमेंट शुरू कर देने से इस स्थिति को ठीक किया जा सकता है।
कुछ लोग इसे 'लैंग्वेज डिसऑर्डर' समझने की भूल कर सकते हैं, लेकिन बता दें लैंग्वेज डिसऑर्डर में बोलने में कठिनाई के साथ साथ दूसरों द्वारा कहे गए शब्दों को समझने में भी दिक्कत आती है।