लेजी आई क्या है?
लेजी आई को एम्बलाइयोपिया या हिंदी में मंददृष्टि के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा दृष्टि विकार है जिसमें आंख से धुंधला दिखाई देता है, यहां तक कि डॉक्टर द्वारा बताए गए चश्मे या कांटेक्ट लेंस की मदद से भी साफ नहीं दिखता है। एम्बलाइयोपिया शिशु अवस्था और प्रारंभिक बचपन के दौरान शुरू हो जाता है। ज्यादातर मामलों में, इससे केवल एक आंख प्रभावित होती है। लेकिन कुछ मामलों में इससे दोनों आंखों में दृष्टि कम हो सकती है।
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लेजी आई के लक्षण क्या हैं?
चूंकि मंददृष्टि आमतौर पर शिशु में विकसित होने वाली समस्या है, इसलिए इसके लक्षणों को समझना मुश्किल हो सकता है। हालांकि भेंगापन को मंददृष्टि का एक आम कारण माना जाता है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे या शिशु की आंखों में भेंगापन आया है या आंखों के अजीब ढंग से दिखने जैसे कुछ अन्य लक्षण दिख रहे हैं। ऐसी स्थिति में आंख की जांच के लिए बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
एक ऐसा संकेत भी है जो आपके बच्चे में मंददृष्टि रोग की जानकारी दे सकते हैं, जैसे बच्चे की एक आंख ढकने पर बच्चे का रोना या चिड़चिड़ा व्यवहार करना। यदि बच्चे की एक आंख ढकने पर वह परेशान नहीं होता है, लेकिन जब दूसरी आंख ढंकने पर परेशान हो जाता हैं, तो हो सकता है कि आपके द्वारा कवर की गई आंख ठीक है और खुली आंख में मंददृष्टि की समस्या है, जिससे धुंधला दिखता है।
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लेजी आई क्यों होता है?
लेजी आई या मंददृष्टि के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- आंख में पर्याप्त रोशनी ना जा पाना
- आंख ठीक से फोकस ना कर पाना (इसे रिफ्रैक्टिव एरर या अपवर्तक त्रुटि)
- दृष्टि संबंधी भ्रम, इस स्थिति में दोनों आखों की तस्वीरें एक समान दिखाई नहीं देती (जैसे भेंगापन) इत्यादि।
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लेजी आई का इलाज कैसे होता है?
बच्चा जितना छोटा हो उपचार उतना ही अधिक प्रभावी रूप से हो सकता है। बच्चे की आयु 8 वर्ष होने के बाद, दृष्टि में सुधार की संभावना काफी कम हो जाती है, लेकिन तब भी प्रभावी रूप से इलाज होना संभव होता है।
मंददृष्टि के इलाज के दो दृष्टिकोण उपयोग में लिए जाते हैं:
- पहला, आंख की जिस समस्या के कारण मंददृष्टि हो रही है उसका इलाज करना।
- दूसरा, प्रभावित आंखों को काम करने के लिए प्रेरित करना ताकि साफ दृष्टि फिर से विकसित हो सके।
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