कैनेडी डिजीज/ कैनेडी की बीमारी को 'एक्स-लिंक्ड स्पाइनल बॅलबर मस्कुलर एट्रोफी' के रूप में भी जाना जाता है। यह एक वंशानुगत स्थिति है, जिसमें धीरे-धीरे कमजोरी और मांसपेशियों के ऊतकों की कमी होने लगती है। कैनेडी की बीमारी के लक्षण आमतौर पर केवल पुरुषों में दिखाई देते हैं। हालांकि, दुर्लभ मामलों में महिलाओं में भी इस बीमारी के लक्षण नोटिस किए गए हैं। इसकी जानकारी पहली बार 1968 में डॉ. विलियम आर. केनेडी और उनके सहकर्मियों द्वारा दी गई थी, यही वजह है कि इसे केनेडी डिजीज के नाम से जाना जाता है। यह स्थिति जिस आनुवांशिक गड़बड़ी की वजह से होती है उसकी पहचान 1991 में की गई थी।
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