जेट लेग - Jet Lag in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

February 01, 2019

February 03, 2024

जेट लेग
जेट लेग

जेट लैग क्या है

जेट लैग को जेट लैग विकार के नाम से भी जाना जाता है। यह कुछ समय के लिए होने वाली नींद संबंधी समस्या है। यह विकार उन लोगों को होता है जो तेजी से अलग अलग टाइम जोन (किसी स्थान विशेष का निश्चित समय) में यात्रा करते हैं। उदाहरण के तौर पर भारत, लंदन व अन्य देशों का समय अलग-अलग होता है, ऐसे में कम समय अंतराल में इन अलग अलग समय वाले देशों में यात्रा करने से जेट लैग की समस्या होती है।

व्यक्ति का शरीर भी समय के अनुसार ही कार्य करता है, इसे ही बायलॉजिक्ल क्लॉक व सर्कडियन रिदम (circadian rhythms) कहा जाता है। इस बायलॉजिक्ल क्लॉक के द्वारा शरीर को सोने और जागने का सिंग्नल मिलते हैं। जेट लैग की समस्या इसलिए होती हैं क्योंकि आपका शरीर यात्रा वाली जगह की अपेक्षा वर्तमान जगह के टाइम जोन के अनुसार सेट होता है या कार्य करता है। आप जितना ज्यादा टाइम जोन पार करते है, जेट लैग डिसऑर्डर से पीड़ित होने की संभावना उतनी अधिक बढ़ जाती हैं।

(और पढ़ें -  नींद की कमी का इलाज)

जेट लेग के लक्षण - Jet Lag Symptoms in Hindi

जेट लैग के लक्षण क्या होते हैं?

जेट लैग की समस्या में हर व्यक्ति को अलग अलग लक्षण महसूस होते है। इस समस्या में किसी व्यक्ति को एक लक्षण तो किसी को कई तरह के लक्षण एक साथ अनुभव हो सकते हैं। जेट लैग में होने वाले लक्षण निम्नलिखित हैं:

डॉक्टर के पास कब जाएं

जेट लैग की समस्या अस्थायी होती है, लेकिन यदि आप नियमित रूप से यात्रा करते हैं या जेट लैग की समस्या आपको लगातार परेशान कर रही है, तो ऐसे में आपको नींद संबंधी विशेषज्ञ से मिलकर इस समस्या की रोकथाम के लिए इलाज शुरु करना चाहिए।

(और पढ़ें - नार्कोलेप्सी क्या है)

जेट लेग के कारण - Jet Lag Causes in Hindi

जेट लैग क्यों होता है?

शरीर की बायॉलोजिक्ल क्लॉक के विपरीत किसी अन्य टाइम जोन वाली जगह पर लगातार यात्रा करने से जेट लैग की समस्या हो जाती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सूर्य की रोशनी, खाने का समय, समाज में लोगों से मिलना आदि कुछ कारकों व गतिविधियों से शरीर का सर्कडियन रिदम नियंत्रित होता है। जब आप वर्तमान टाइम जोन से दूसरे टाइम जोन में प्रवेश करते हैं तो ऐसे में आपकी बायोलॉजिक्ल क्लॉक बाहरी टाइम जोन से मेल नहीं खा पाती है। आपके शरीर को अन्य जगह के समय के अनुसार ढलने में या उसके अनुरुप बनने के लिए कुछ समय लगता है।

(और पढ़ें - स्लीप एपनिया का इलाज)

हवाई यात्रा से भी यह समस्या बढ़ जाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि हवाई यात्रा के दौरान 8000 फिट की उंचाई में जहाज के केबिन में बनने वाले दबाव की वजह से रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जिसकी वजह से यात्रियों को उलझन व शरीर में पानी की कमी महसूस होने लगती है।

(और पढ़ें - ज्यादा नींद आने का इलाज)

जेट लेग से बचाव - Prevention of Jet Lag in Hindi

जेट लैग से कैसे बचें?

इस समस्या से बचाव के लिए आपको निम्नलिखित टिप्स दिए गए हैं।

  • अन्य देश में यात्रा करने के लिए आपको शाम की फ्लाइट चुननी चाहिए और यात्रा के दौरान आपको 10 बजे तक सो जाना चाहिए। (और पढ़ें - क्या गर्भावस्था में सफर करना चाहिए)
  • पूर्व या पश्चिम के देशों में यात्रा से पहले आपको तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए आपको पूर्व की ओर जाने से कुछ दिनों पहले आपको जल्दी सोने और जगने की आदत डालनी चाहिए, जबकि पश्चिम की ओर जाने से कुछ दिनों पहले देरी से सोने और जागने की आदत को अपनाना चाहिए। (और पढ़ें - यात्रा करते समय इन दवाईयों को अपने साथ ले जाना कभी ना भूलें)
  • फ्लाइट पर चढ़ने के बाद आपको यात्रा वाली जगह के अनुसार घड़ी को मिला लेना चाहिए। (और पढ़ें - सफर में उल्टी आने का इलाज)
  • फ्लाइट में यात्रा के दौरान एक्टिव रहने के लिए एक्सरसाइज करें या थोड़ा बहुत चलना जरूरी होता है।
  • फ्लाइट के दौरान सोने के लिए आंखों पर मास्क और कानों पर ईयर प्लग लगाएं। अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव पर रात में पहुंचने से पहले सोने का प्रयास करें। सुस्ती को दूर करने के लिए आप बीस मिनट की छोटी छोटी नींद लेने का प्रयास करें।
  • यात्रा के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, लेकिन इस समय पानी की कमी से बचने के लिए शराब या कैफीन का सेवन कम करें।   

(और पढ़ें - वजन के हिसाब से पानी कितना पीना चाहिए)

क्या आप भी मोटापे से परेशान है लाख कोशिशों के बाद भी वजन काम नहीं कर पा रहे है तो आज ही myUpchar आयुर्वेद मेदारोध वेट लॉस जूस को इस्तेमाल करना शुरू करे और अपने वजन को नियंत्रित करे

 

जेट लेग का उपचार - Jet Lag Treatment in Hindi

जेट लैग का उपचार क्या है?

अब तक इस समस्या का कोई भी इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव से आप इसके लक्षण के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके इलाज में आपको निम्नलिखित सुझावों को अपनाना चाहिए।

  • शारीरिक रूप से फिट और स्वस्थ रहें:
    जो लोग शारीरिक रूप से फिट होते हैं, पूरी नींद और संतुलित आहार का सेवन करते हैं, उनको अन्य लोगों की अपेक्षा परेशानी कम होती है। (और पढ़ें - पोषक तत्व के चार्ट)
  • अन्य समस्या को नियंत्रण में रखना:
    पहले से मौजूद अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे फेफड़ों का रोगहृदय रोग और डायबिटीज की वजह जेट लैग के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में आपको डॉक्टरी सलाह के बाद ही यात्रा पर जाना चाहिए।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में अच्छी नींद लाने के उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Sugar Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें


संदर्भ

  1. Marc Wittmann,Jenny Dinich,Martha Merrow,Till Roenneberg Social Jetlag: Misalignment of Biological and Social Time The Journal of Biological and Medical Rhythm Research Volume 23, 2006 - Issue 1-2
  2. Jim Waterhouse, Thomas Reilly, Greg Atkinson, Ben Edwards Jet lag: trends and coping strategies The Lancet, Volume 369, Issue 9567, 2007, Pages 1117-1129
  3. Herxheimer A, Petrie KJ. Melatonin for the prevention and treatment of jet lag Cochrane Database of Systematic Reviews 2002, Issue 2. Art. No.: CD001520