परिचय
किसी दुर्घटना के कारण जब त्वचा के नीचे कोई आंतरिक चोट आती है, तो उसे गुम चोट कहा जाता है। अक्सर कार या बाइक एक्सीडेंट, ऊंचाई से गिरने या फिर किसी व्यक्ति के साथ आपसी हिंसा के कारण गुम चोट लग जाती है। गुम चोट लगने पर सूजन, त्वचा नीली पड़ना, दर्द, सिर घूमना, चक्कर आना या बेहोश होने जैसे लक्षण विकसित हो जाते हैं।
गुम चोट की जांच करने के लिए डॉक्टर आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे, जिस दौरान नील पड़ना और छूने पर दर्द होना आदि लक्षणों की पहचान की जाती है। स्थिति की जांच करने के लिए डॉक्टर एक्स रे, सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन जैसे टेस्ट भी कर सकते हैं।
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गुम चोट से बचने के लिए हेलमेट पहनना और अन्य सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए। सड़क संबंधी अन्य खतरों का भी ध्यान रखना चाहिए जो आपके लिए दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। यदि गुम चोट लगने के कारण अत्यधिक खून बह रहा है, तो इससे व्यक्ति को सदमा लग सकता है या उसको सिर घूमने जैसी समस्या भी हो सकती है। एेसा होने पर व्यक्ति के पैर ऊपर की ओर उठा खड़े रखते हुए उन्हें पीठ के बल लेटा देना चाहिए।
गुम चोट लगने पर डॉक्टर की मदद लेना जरूरी होता है। कई बार इस स्थिति को लंबे समय तक निगरानी में रखा जाता है। यहां तक कि कुछ मामलों में इसका इलाज करने के लिए ऑपरेशन करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। यदि गुम चोट को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो इससे लंबे समय तक खून बह सकता है, साथ ही मिर्गी, कोमा और शरीर का कोई अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देना जैसी कई दिक्कतें हो सकती है। जिसके चलते मरीज की मृत्यु तक भी हो सकती है।
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