इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर क्या है?
इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर अनुवांशिक स्थिति है, जिसके कारण मेटाबॉलिज्म से जुडी समस्याएं होती हैं। इस स्थिति से ग्रस्त अधिकांश लोगों को अपने माता या पिता से दोषपूर्ण जीन मिलते हैं जिसके कारण एंजाइम की कमी हो जाती है। वास्तव में सैकड़ों तरह के जेनेटिक मेटाबोलिक डिसऑर्डर हैं, इसलिए उनके लक्षण, इलाज और निदान भी अलग-अलग हैं। मेटाबॉलिज्म एक ऐसी रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। जब ये रासायनिक प्रक्रियाएं हार्मोन या एंजाइम की कमी के कारण सही तरीके से काम नहीं कर पाती हैं, तो इस स्थिति में मेटाबोलिक डिसऑर्डर पैदा होते हैं। चयापचय (मेटाबोलिक) प्रक्रिया के कुछ प्रमुख उदाहरणों में शामिल हैं:
- एनर्जी रिलीज करने के लिए भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को तोड़कर इस्तेमाल करना।
- अत्यधिक नाइट्रोजन को पेशाब के जरिए बाहर निकालना।
इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर के लक्षण
चूंकि जेनेटिक मेटाबोलिक डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं इसलिए इनके लक्षण भी भिन्न हैं, जैसे कि:
- सुस्ती
- भूख न लगना
- पेट में दर्द
- उल्टी
- वजन घटना
- पीलिया
- वजन बढ़ाने या घटाने में दिक्कत आना
- शारीरिक विकास में देरी होना
- कोमा (लंबे समय तक बेहोशी)
- पेशाब, सांस, पसीना या लार से असामान्य गंध आना
उपरोक्त लक्षण अचानक से या फिर धीरे-धीरे भी दिखाई दे सकते हैं। इसके लक्षण खाद्य पदार्थों, दवाइयों, शरीर में पानी की कमी, छोटी बीमारियों या अन्य कारणों से भी ट्रिगर हो सकते हैं।
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इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर के कारण
विभिन्न जेनेटिक दोषों के कारण इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर हो सकता है। उदाहरणों में शामिल हैं:
- अनुवांशिक हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होना
- गोशेर रोग (वसायुक्त पदार्थों का कुछ अंगों खासतौर पर प्लीहा व किडनी में जमना)
- हंटर सिंड्रोम (दुर्लभ जेनेटिक विकार, जिसमें शरीर के ऊतकों में ग्लाइकोसामिनोग्लाइकेन्स नामक बड़े शुगर अणु जमने लगते हैं)
- क्रैबे रोग (तंत्रिका तंत्र को लगातार नुकसान पहुंचाने वाली दुर्लभ बीमारी)
- माइटोकॉन्ड्रियल एन्सेफैलोपैथी, लैक्टिक एसिडोसिस, स्ट्रोक के दौरे (शरीर की कई प्रणालियों, विशेष रूप से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को प्रभावित करने वाली स्थिति)
- नाइमैन-पिक (वसा को कोशिकाओं के अंदर मेटाबोलाइज करने की शरीर की क्षमता को प्रभावित करने वाली जेनेटिक बीमारी)
- पोरफाइरिया (कई अनुवांशिक रक्त विकारों का समूह, जिसमें व्यक्ति के खून में हिमोग्लोबिन का तत्व हिमी नहीं बन पाता है)
- टे सैक्स रोग (आनुवांशिक विकार, जिसके कारण मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं)
- विल्सन बीमारी (दुर्लभ आनुवंशिक विकार, जिससे शरीर में कॉपर की विषाक्तता होने लगती है)
इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर का इलाज
- किसी भी ऐसे खाद्य या दवा का सेवन कम या बिलकुल न करें, जिसे ठीक तरह से पचाना मुश्किल हो।
- जितना हो सके चयापचय को ठीक करने के लिए निष्क्रिय या अनुपस्थित एंजाइम या अन्य रसायन को ठीक करना।
- मेटाबोलिक विकारों के कारण जो विषाक्त पदार्थ जम गए थे, उन्हें निकालना।
- ऐसे आहार का सेवन करें, जो कुछ हानिकारक पोषक तत्वों को खत्म कर सकें।