स्खलन न होना - Inability to ejaculate (anejaculation) in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

April 10, 2021

September 06, 2021

स्खलन न होना
स्खलन न होना

सेक्स के दौरान उत्तेजित होने पर पुरुष लिंग तंत्रिका तंत्र के घने नेटवर्क के जरिए मस्तिष्क को संदेश भेजता है। इससे प्राप्त होने वाला आनंद का अनुभव धीरे-धीरे चरम सुख की ओर बढ़ता और इस दौरान व्यक्ति ऑर्गेज्म का अनुभव करता है। ऑर्गेज्म के दौरान पुरुष लिंग और अन्य अंगों में सुखदायक सनसनी का एहसास होता है। हालांकि, पुरुषों में आमतौर पर ऑर्गेज्म और स्खलन (इजेकुलेशन) एक साथ होते हैं, लेकिन इन दोनों को एक समझने की गलती न करें। स्खलन के दौरान पुरुष लिंग से मूत्रमार्ग के रास्ते एक सफेद रंग का चिपचिपा तरल निकलता है, जिसे वीर्य कहते हैं। इस वीर्य में शुक्राणु (स्पर्म) होते हैं, जो महिला के अंडे के साथ मिलकर भ्रूण बनाते हैं। स्खलन की सामान्य प्रक्रिया के तहत वृषणों (टेस्टीकल्स) में मौजूद वीर्य मूत्रमार्ग से होते हुए पुरुष लिंग से तेजी से बाहर निकलता है। पुरुषों में वीर्य और मूत्र दोनों मूत्रमार्ग से बाहर आते हैं।

(और पढ़ें - शुक्राणु की जांच कैसे की जाती है)

स्खलन के दो भाग होते हैं - उत्सर्जन और निष्कासन। उत्सर्जन के दौरान मूत्राशय से मूत्रमार्ग के रास्ते को बंद किया जाता है और वृषणों से शुक्राणुओं का स्राव होता है। इसके बाद प्रोस्टेट ग्रंथि और कॉप्लर ग्रंथि से वीर्य का स्राव होता है और यह तेजी से मूत्रमार्ग से गुजरता है। मूत्रमार्ग में वीर्य के स्राव से पहले ही मूत्राशय के स्फिंक्टर में संकुचन बेहद जरूरी क्रिया है। ऐसा नहीं होने पर वीर्य के साथ मूत्र का स्राव भी हो सकता है या वीर्य वापस मूत्राशय में जा सकता है। निष्कासन के चरण में शुक्राणु युक्त वीर्य मूत्रमार्ग से होते हुए लिंग के अगले हिस्से से बाहर निकलता है।

(और पढ़ें - लिंग में सूजन के कारण)

स्खलन से संबंधित समस्याओं में शीघ्रपतन, स्खलन में देरी, वीर्य का लिंग के माध्यम से बाहर निकलने की बजाय मूत्राशय में चला जाना (रेट्रोग्रेड इजेकुलेशन) और बिल्कुल भी स्खलन न होना शामिल हैं। हालांकि, बिल्कुल अलग अंतर्निहित कारणों और प्रबंधन के बावजूद रेट्रोग्रेड इजेकुलेशन और स्खलन न होने की समस्याएं ऊपर से एक जैसी लगती हैं और इनको लेकर भ्रम की स्थिति भी रहती है। नपुंसकता के कोई लक्षण न होने के बावजूद जब व्यक्ति चरम सुख की प्राप्ति या (चरम सुख नहीं मिलने पर भी) स्खलन में असमर्थ होता है तो इस समस्या को अंग्रेजी में एनइजेकुलेशन कहा जाता है। लंबे समय तक संभोग के दौरान यौन उत्तेजना या हस्तमैथुन के बावजूद ऑर्गेज्म या चरम सुख तक न पहुंच पाने की स्थिति को एनोर्गेज्मिया कहा जाता है। इससे रोगी और उसके पार्टनर में यौन संतुष्टि की कमी, प्रजनन संबंधी समस्याओं के साथ ही उन्हें निराशा और भावनात्मक आघात जैसे भाव घेर सकते हैं।

(और पढ़ें - शीघ्रपतन में क्या खाना चाहिए)

स्खलन न होने के प्रकार - Types of anejaculation in Hindi

यह दो प्रकार का होता है -
ऑर्गेज्मिक एनइजेकुलेशन : इसमें पुरुष पूरी यौन क्रिया के दौरान लिंग में तनाव बनाए रखने में सक्षम होता है। वह क्लाइमेक्स तक भी पहुंचता है और चरमसुख का भी अनुभव करता है, लेकिन वीर्यपात नहीं होता। स्खलन न होने का ये मतलब नहीं है कि व्यक्ति में शुक्राणुओं की कमी है। चिकित्सीय मदद से ऐसा व्यक्ति पिता बन सकता है। यह समस्या स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार की हो सकती है और इन दोनों का प्रबंधन अलग-अलग ढंग से होता है।

(और पढ़ें - लिंग में खुजली होने पर क्या करें)

एनोर्गेज्मिक एनइजेकुलेशन : सेक्स के दौरान पुरुष पूरे समय लिंग में तनाव बनाए रखने में असमर्थ होता है। वह ऑर्गेज्म तक नहीं पहुंच पाता और कई कोशिशों के बावजूद चरम सुख का अनुभव नहीं कर पाता। चरम सुख तक नहीं पहुंचने के कारण स्खलन भी नहीं होता। यह रोगी और उसके पार्टनर के लिए निराश करने वाला और भावनात्मक तौर पर कमजोर करने वाला अनुभव होता है। इसमें व्यक्ति वीर्य न होने के कारण पिता नहीं बन पाता। हालांकि, उचित मात्रा में वीर्य नहीं होने का मतलब शुक्राणुओं की कमी नहीं होता और इलाज के बाद व्यक्ति पिता बन सकता है।

(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

स्खलन न होने के लक्षण - Signs and symptoms of anejaculation in Hindi

इस समस्या का सामना कर रहे व्यक्ति को निम्न लक्षण अनुभव हो सकते हैं - 

  • पूरे संभोग के दौरान लिंग में तनाव बनाए रखने में सक्षम होने और चरम सुख का अनुभव करने के बावजूद वीर्यपात न होना।
  • संभोग के दौरान लंबे समय तक लिंग में तनाव रहना, लेकिन इसके बावजूद ऑर्गेज्म या चरम सुख का अनुभन न होना।
  • लंबे समय तक प्रयास के बावजूद पार्टनर को गर्भवती न कर पाना।

(और पढ़ें - महिलाओं में कामेच्छा की कमी के कारण)

स्खलन न होने के कारण - Causes of anejaculation in Hindi

स्खलन न होने के कारण या तो जन्मजात (पुरुष प्रजनन प्रणाली में जन्म से ही विसंगति) हो सकते हैं या बाद में बीमारियों, चोट या अन्य मनोवैज्ञानिक कारणों से भी यह समस्या हो सकती है। रीढ़ की हड्डी में चोट, स्ट्रोक, मूत्र नली में संक्रमण, पुरुष प्रजनन प्रणाली में टीबी, हाइपोथायरायडिज्म, दवाओं के साइड इफेक्ट, एंटीडिप्रेसेंट दवाओं और शराब के अत्यधिक सेवन के कारण भी स्खलन न होने की समस्या हो सकती है।

(और पढ़ें - टीबी का इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

स्खलन न होने का निदान - Diagnosis of anejaculation in Hindi

जब आप इस समस्या के साथ डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री, पिछली सर्जरी, संक्रमण के साथ ही आप जिन दवाओं का नियमित तौर पर सेवन कर रहे हैं और पहले से मौजूद बीमारियों के बारे में जानकारी लेंगे। फिजिकल एग्जामिनेशन के साथ ही न्यूरोलॉजिकल असेसमेंट भी किया जाएगा और जननांगों (अंडकोष, लिंग व प्रोस्टेट) की जांच की जाएगी। स्खलन न होने के अंतर्निहित कारणों की जांच के लिए कई नैदानिक परीक्षण किए जा सकते हैं। 

रेट्रोग्रेड इजेकुलेशन की जांच के लिए यूरिन टेस्ट किया जा सकता है। इसके लिए आपको हस्तमैथुन करने को कहा जाएगा और इसके तुरंत बाद मूत्र के सैंपल लिए जाएंगे। यदि मूत्र परीक्षण में स्पर्म मिलते हैं तो इस समस्या का रेट्रोग्रेड इजेकुलेशन के रूप में निदान होता है।

(और पढ़ें - अंडकोष सिकुड़ने के कारण)

स्खलन न होने का प्रबंधन - Management of anejaculation in Hindi

इसका प्रबंधन अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है। यदि डॉक्टर को संदेह है कि समस्या का कारण किसी दवा का साइड इफेक्ट है तो वह तुरंत उस दवा के सेवन को बंद के लिए कह सकते हैं या उसकी जगह कोई दूसरी दवा दे सकते हैं। साइकोसेक्सुअल काउंसिलिंग भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि रीढ़ में चोट के कारण यह समस्या हुई है तो पीनाइल वाइब्रेटरी स्टीमुलेशन की मदद से लिंग में तनाव लाया जाता है और स्खलन में मदद की जाती है। जब यह विधि काम नहीं आती है तो इलेक्ट्रोइजेकुलेशन थेरेपी की मदद ली जाती है। एक छोटी सी सर्जरी के माध्यम से वृषण से स्वस्थ शुक्राणु लेकर कृत्रिम गर्भाधान की मदद से आप पिता बनने का सुख ले सकते हैं।

(और पढ़ें - आईवीएफ में क्या खाना चाहिए)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

स्खलन न होने की जटिलताएं - Complications of anejaculation in Hindi

हालांकि, यह रोगी के लिए कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं है। इसके बावजूद निम्न कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है :

  • प्रजनन करने में असमर्थ : यौन क्रिया के बाद वीर्यपात नहीं हो पाता है। महिला पार्टनर की योनि में शुक्राणुओं का स्राव न होने के कारण वह गर्भवती (प्रजनन क्षमता कम होना) नहीं हो पाती हैं।
  • मनोवैज्ञानिक तनाव, निराशा, चिंता और अवसाद : संभोग के दौरान चरम सुख तक न पहुंच पाना पुरुषों के लिए मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।