मुंह में बहुत अधिक मात्रा में लार बनने की स्थिति को हाइपरसेलिवेशन कहा जाता है, इस स्थिति को “सिलोरिया” (Sialorrhea) “टिलिज्म” (Ptyalism) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मुंह के अंदर की लार होठों पर आ जाती है या बाहर निकलने लग जाती है, जिस स्थिति को “लार टपकना” भी कहा जाता है।
अधिक लार आने की समस्या स्थायी हो सकती है या फिर ठीक होकर बार-बार होती रहती है, यह पूरी तरह से इसके कारण पर निर्भर करता है। अक्सर इस समस्या से व्यक्ति को बाहर निकलने से संबंधित चिंता होने लग जाती है।
अधिक लार आना कोई रोग नहीं है लेकिन आमतौर पर यह किसी अन्य समस्या के लक्षण के रूप में विकसित हो सकता है। ये कारकों में आसानी से ठीक होने वाली समस्याओं से लेकर दुर्लभ बीमारियां शामिल हो सकती हैं।