हाइड्रोनेफ्रोसिस क्या है?
हाइड्रोनेफ्रोसिस गुर्दों से संबंधित रोग है, जिसमें एक या दोनों गुर्दे प्रभावित हो जाते हैं। जब पेशाब गुर्दों से ठीक से बाहर नहीं निकल पाता है, तो किडनी क्षतिग्रस्त होने लगती है जिससे हाइड्रोनेफ्रोसिस कहा जाता है।
इससे किडनी में सूजन आ जाती है। सूजन ज्यादातर एक ही किडनी को प्रभावित करती है, लेकिन यह कभी-कभी दोनों किडनी को भी प्रभावित हो सकती हैं। हाइड्रोनेफ्रोसिस मुख्य बीमारी नहीं है। यह एक सहायक स्थिति है जो अंतर्निहित कारणों से होती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस महिलाओं या पुरुषों में समान रूप से और किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि, कुछ अध्ययनों के अनुसार यह छोटे बच्चों और भ्रूण को देखी जाती है, जो आमतौर पर अल्ट्रासाउंड के दौरान ही मिलती है।
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हाइड्रोनेफ्रोसिस लक्षण क्या हैं?
हाइड्रोनेफ्रोसिस के मुख्य लक्षण आमतौर पर पेशाब करने की प्रक्रिया से संबंधित होते हैं। हाइड्रोनेफ्रेसिस से ग्रस्त लोगों को पेशाब करने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इस दौरान कुछ लोगों के पेशाब का दबाव कम तो कुछ लोगों का ज्यादा होता है। पेशाब जमा होने के कारण किडनी का आकार बढ़ने लगता है और व आस-पास के अंगों पर दबाव डालने लग जाती है। यदि स्थिति का समय पर इलाज न किया जाए तो निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -
- बार बार पेशाब आना
- पेडू में दर्द
- मतली और उल्टी
- पेशाब में दर्द
- बुखार
- पेट फूलना
- पेशाब का रंग गहरा होना
डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि आपको पेशाब करने में दर्द या इससे संबंधित अन्य कोई समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए। हालांकि, उपरोक्त लक्षण कुछ मामलों में कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं करते हैं जबकि अन्य मामलों में किसी गंभीर रोग का संकेत दे सकतेे हैं, इसलिए डॉक्टर से जांच करवा कर पुष्टि अवश्य करवा लेनी चाहिए।
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हाइड्रोनेफ्रोसिस क्यों होता है?
मूत्र प्रणाली में होने वाली कोई भी अंदरुनी या बाहरी समस्या हाइड्रोनेफ्रोसिस का कारण बन सकती है। मूत्र प्रणाली में मुख्यत: किडनी, मूत्रनली, मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल हैं, जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के माध्यम से निकालने में मदद करते हैं। एक्यूट यूनिलेटर ऑब्स्ट्रक्टिव यूरोपैथी (Acute unilateral obstructive uropathy) हाइड्रोनेफ्रोसिस के मुख्य कारणों में से एक है। इसमें
आपकी मूत्र प्रणाली में किडनी, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग होता है। यह सभी आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। हाइड्रोनेफ्रोसिस के कई कारणों में से एक कारण है, एक्यूट युनीलेटरल ऑब्स्ट्रक्टिव यूरोपैथी (Acute unilateral obstructive uropathy)। इसमें अचानक से एक या दोनों मूत्रमार्गों में रुकावट हो जाती है, जिससे पेशाब निकल न पाने की बजाए गुर्दों में ही जमा होने लगता है। यह रुकावट आमतौर पर पथरी के कारण होती है, लेकिन मूत्रमार्गों में घाव होने या खून का थक्का जमने के कारण भी एक्यूट युनीलेटरल ऑब्सट्रक्टिव यूरोपैथी रोग हो सकता है।
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हाइड्रोनेफ्रोसिस का परीक्षण कैसे किया जाता हैं?
हाइड्रोनेफ्रोसिस का परीक्षण आमतौर पर अल्ट्रासाउंड की मदद से किया जाता है। जिसमें एक मशीन के द्वारा शरीर में ध्वनि तरंगें छोड़ी जाती हैं और उनके अनुसार ही शरीर के अंदरुनी अंगों की तस्वीरें तैयार की जाती हैं।
यदि अल्ट्रासाउंड में गुर्दों में सूजन आई हुई दिखाई पड़ती है, तो डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट करने पर विचार कर सकते हैं। इन टेस्टों की मदद से हाइड्रोनेफ्रोसिस की गंभीरता व अंदरुनी कारणों का पता लगाने में मदद मिल सकती है -
- पेशाब में खून आदि की जांच के लिए यूरिन टेस्ट
- संक्रमण का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट
- पेशाब कितने अच्छे से निकल पा रहा है, पता लगाने के लिए एक्स रे
- अंदरुनी अंगों की बारीकी से जांच करने के लिए सीटी स्कैन
हाइड्रोनेफ्रोसिस का इलाज कैसे होता है?
हाइड्रोनेफ्रोसिस का इलाज स्थिति की गंभीरता और रोग के अंदरुनी कारणों के अनुसार किया जाता है। इलाज के दौरान सबसे पहले यह पता लगाया जाता है कि पेशाब को निकलने में कहां रुकावट हो रही है और किस कारण से हो रही है। स्थिति का पता लगाकर उसके अनुसार ही इलाज शुरु किया जाता है।
यदि मूत्र मार्गों रुकावट के कारण हाइड्रोनेफ्रोसिस रोग हुआ है, तो डॉक्टर पेशाब के बहाव को फिर से चालू करने के लिए मूत्राशय में यूरेटरल स्टेंट (Ureteral stent) डालेंगे। यह एक ट्यूब जैसा उपकण होता है, जिसकी मदद से मूत्रमार्ग की रुकावट को खोल दिया जाता है।
इसके अलावा डॉक्टर आपके अंदर नेफ्रोस्टोमी ट्यूब (Nephrostomy tube) भी डाल सकते हैं, जिससे फंसा मूत्र बाहर निकाला जा सके। इसके अलावा स्थिति के अनुसार कुछ दवाएं भी दी जा सकती हैं।
उदाहरण के लिए यदि मरीज को मूत्रमार्गों में संक्रमण होने के कारण मूत्रमार्ग रुक गए हैं, तो एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स पूरा होते-होते संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाता है, जिसके बाद मूत्रमार्ग भी खुल जाते हैं। हालांकि, दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है अन्यथा सक्रमण फिर से हो सकता है।
कुछ गंभीर मामलों हाइड्रोनेफ्रोसिस का इलाज करने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। उदाहरण के लिए जिन लोगों पथरी है और दवााओं से वह ठीक नहीं हो रही है, तो उसे निकालने के लिए डॉक्टर सर्जिकल प्रक्रिया की मदद ले सकते हैं। इसमें आमतौर पर एंडोस्कोपिक सर्जरी की जाती है, जिसमें त्वचा में एक छोटा सा छेद करने की ही जरूरत पड़ती है। इस सर्जरी से होने वाला घाव जल्दी ही ठीक हो जाता है।
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