गुहेरी (आँख में फुंसी) - Stye in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

August 11, 2018

April 22, 2023

गुहेरी
गुहेरी

गुहेरी क्या है?

गुहेरी को आंख में फुंसी या अन्य कई नामों से पहचाना जाता है। यह लाल रंग की एक छोटी सी गांठ होती है, जो पलकों पर या उनके नीचे विकसित होती है। यह काफी पीड़ादायक होती है। ज्यादातर गुहेरी पलकों के किनारे पर विकसित होती है। यह पलक पर एक तेल ग्रंथि में बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बनती है, ये बैक्टीरिया सामान्य रूप से आंखों की त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होता है।  लेकिन कई बार यह पलकों की त्वचा पर मृत कोशिकाओं के साथ फंस जाते है।

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आंख में फुंसी होना काफी दर्दनाक और परेशान कर देने वाली स्थिति है, लेकिन बहुत कम मामलों में इससे कोई गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है। अमूमन ये अपने आप ही ठीक हो जाती है। आम तौर पर गुहेरी एक ही आंख पर होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह दोनों आंखों में भी हो जाती है, और कई बार एक आंख पर एक से ज्यादा फुंसियां भी निकल जाती है। जब आंख में गुहेरी विकसित हो जाती है, तो पूरी आंख लाल हो जाती है, और उसे हाथ लगाने से दर्द भी होती है। इस दौरान आंख में दर्द व खुजली भी महसूस हो सकती है। गौरतलब है कि गुहेरी के कारण अक्सर देखने की क्षमता में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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गुहेरी (आँख में फुंसी) के प्रकार - Types of Stye in Hindi

गुहेरी के कितने प्रकार होते हैं?

गुहेरी को 2 प्रकारों में बांटा जाता है, जो इस तरह है: 

  • बाहरी गुहेरी (External stye) – यह पलकों के किनारों पर विकसित होने वाली गुहेरी होती है, जो ज्यादातर रोम कूपों में संक्रमण के कारण होती है। बाहरी गुहेरी आम तौर पर एक पिंपल की तरह दिखाई देती है।
  • आंतरिक गुहेरी (Internal stye) – यह पलकों के अंदर की तरफ विकसित होती है, जो ज्यादार पलकों में तेल का निर्माण करने वाली ग्रंथि के संक्रमण के कारण होती है।
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गुहेरी (आँख में फुंसी) के लक्षण - Stye Symptoms in Hindi

गुहेरी के लक्षण क्या होते हैं?

गुहेरी के मुख्य लक्षण हैं:

  • पलक में सूजन या फूला हुआ महसूस होना।
  • आंखों में सूखापन महसूस होना।
  • गांठ फूटने के बाद अगर उसमें से द्रव निकल रहा है, तो वह गाढ़ा हो सकता है, या उसमें त्वचा के छोटे-छोटे टुकड़े जैसी सामग्री हो सकती है।
  • पलक के उपर पीले या लाल रंग की गांठ बनना।
  • पलक में लाली होना।
  • आंख में पानी रहना।
  • प्रकाश के प्रति अतिसंवेदनशीलता।
  • पलकों के किनारे खराब होना (गलना)।
  • पलकों में गांठ बनना।
  • आंख भारी महसूस होना, खासकर पलकें झपकाते समय।
  • कई बार धुंधला भी दिखाई दे सकता है।
  • आंख में दबाव महसूस होना।
  • आंख में खुजली महसूस होना।
  • पलकों का असाधारण रूप से नीचे झुकना, जिसके चलते दृष्टी तक बाधित हो जाएं।
  • पलक झपकाते समय दर्द महसूस होना।
  • पलक में जलन व दर्द के कारण भी आंख से पानी आने लग सकता है, गुहेरी अक्सर बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाती है, खासकर अगर वह फूट गई हो और मवाद निकल चुका हो।

डॉक्टर को कब दिखा लेना चाहिए?

अगर गर्मी के साथ सेंकने पर भी कुछ दिनों तक गुहेरी में कोई सुधार नहीं आता या इलाज होने के बावजूद फिर से विकसित हो रही है, तो उन लोगों को डॉक्टर की मदद लेने का सुझाव दिया जाता है।

निम्न लक्षण दिखाई देने के बाद डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए:

  • अगर गुहेरी की गांठ कम ही समय में ज्यादा गंभीर हो गई है।
  • उसमें से खून बह रहा है।
  • सूजन के कारण आंख खुल नहीं पा रही है।
  • इसके कारण से धुंधला दिखने लगा है।
  • अगर गांठ आंख के सफेद हिस्से में फैलने लगी है।
  • पलकों के बाल गिरने लगें हैं।
  • अगर एक आंख में एक से ज्यादा या बार-बार एक ही जगह पर गुहेरी उत्पन्न हो रही है।
  • दृष्टि में किसी प्रकार का बदलाव या परेशानी।
  • आंखों के साथ-साथ गालों या चेहरे के किसी अन्य हिस्सें में सूजन होने लगना।
  • अगर गांठ नीचे वाली पलक पर नाक की तरफ बनी हो (इस हिस्से में संक्रमण तेजी से फैलता है)।
  • अधिक दर्द होना।
  • दोहरी दृष्टि (दो-दो चीजें दिखाई देना)

(और पढ़ें - आंखों में सूजन का इलाज

गुहेरी (आँख में फुंसी) के कारण - Stye Causes in Hindi

गुहेरी क्यो हो सकती है?

गुहेरी आम तौर पर स्टैफीलोकोकल बैक्टीरिया (staphylococcal bacteria) के कारण होते हैं, यह बैक्टीरिया अक्सर त्वचा की सतह पर पाया जाता है। हमारा शरीर लाखों करोड़ों अच्छे बैक्टीरिया से ढंका होता है, जो एक साथ रहते हैं। त्वचा से ये बैक्टीरिया (आमतौर पर स्टेफिलोकोची बैक्टीरिया) आंख के अंदर चले जाते हैं, और पलकों में स्थित तेल ग्रंथि को उत्तेजित कर देते हैं। इसके परिणाम से आंख की पलक पर दर्द करने वाली लाल रंग की एक छोटी सी गांठ बन जाती है।

सही स्थिति होने के दौरान जब बैक्टीरिया मृत कोशिकाओं और अन्य मलबे को खाने लगते हैं, जिस कारण से आंख में फुंसी या गांठ विकसित होने लगती है।

गुहेरी होने का खतरा किन कारणों से बढ़ जाता है? 

  • जब आप बिना धुले हाथों से आंखों को छूते हैं,
  • बिना हाथ धोए या बिना साफ किए सीधे ही अपने कॉन्टेक्ट लैंस पहन लेते हैं, 
  • पुराने या एक्स्पायर्ड कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं,
  • तनाव,
  • हार्मोनल परिवर्तन,
  • ग्रंथियों से अधिक तेल निकलना,
  • रात भर आंख को मेकअप लगा कर रखना (सोते समय आंख धोना),
  • कुछ प्रकार की स्थितियां जैसे. डर्मेटाइटिस (dermatitis),
  • पोषण में कमी,
  • नींद में कमी,
  • पलक के किनारे लंबे समय से सूजन रहना (blepharitis)।
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गुहेरी (आँख में फुंसी) से बचाव - Prevention of Stye in Hindi

गुहेरी से की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

  • जागने के समय के दौरान अपनी आंखों पर 2 से 3 मिनट के लिए गर्म पानी से धुला हुआ गर्म कपड़ा (खीसा) रखें। यह पलक की तेल ग्रंथियों में सामग्री को द्रव बनाकर ब्लॉकेज को खोलता है, और गुहेरी के बार-बार होने की आवृति को कम करता है। यह रात के समय बेड पर भी किया जा सकता है।
  • स्वच्छ हाथ और चेहरा धोने से गांठ बनने या फिर से आने से रोकथाम की जा सकती है।
  • सभी कॉस्मेटिक प्रोड्क्ट और कॉस्मेटिक उपकरणों को वातावरण से संरक्षित रखा जाना चाहिए। मेकअप और आंखों के उपकरणों को किसी साथ शेयर नहीं करना चाहिए। मेकअप का सामान अगर पुराना या दूषित हो गया है, तो उसे फेंक देना चाहिए।
  • अगर किसी को गुहेरी की समस्या है, उसके साथ तौलिया आदि शेयर नहीं करना चाहिए।

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गुहेरी (आँख में फुंसी) का परीक्षण - Diagnosis of Stye in Hindi

गुहेरी का निदान कैसे किया जा सकता है?

इसका निदान करने के लिए डॉक्टर काफी नजदीकी और बारीकी से आंख का परिक्षण करते हैं। गुहेरी का निदान करने के लिए डॉक्टर टॉर्च या किसी सूक्षमदर्शी यंत्र का उपयोग भी कर सकते हैं।

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गुहेरी (आँख में फुंसी) का इलाज - Stye Treatment in Hindi

गुहेरी का उपचार कैसे किया जाता है?

ज्यादातर मामलों में गुहेरी का कोई विशिष्ट इलाज नहीं किया जाता, यह अपने आप ठीक हो जाती है हालांकि इसका फिर से विकसित होना एक सामान्य समस्या है।

अगर गुहेरी की गांठ स्थिर हो गई है, तो डॉक्टर निम्न उपचार सुझा सकते हैं:

  • दर्द निवारक – गुहेरी के कारण हो रहे दर्द से राहत के लिए डॉक्टर एस्पिरिन जैसी दवाएं दे सकते हैं।
  • एंटिबायोटिक्स – गुहेरी के लिए डॉक्टर कुछ प्रकार की आंखों में डालने की एंटिबायोटिक दवाएं या पलकों पर लगाने की एंटिबायोटिक क्रीम लिख सकते हैं। अगर आंखों में इसका संक्रमण लगातार बना हुआ है या फैल भी रहा है, तो डॉक्टर टेबलेट के रूप में कुछ प्रकार की खाने की दवाएं भी लिख सकते हैं।जिन लोगों को संक्रमण की समस्या आंख के साथ गाल आदि तक भी फैल चुकी है, तो उन्हें डॉक्टर खाने की दवाएं या लगाने की क्रीम या फिर दोनों एक साथ देते हैं।
  • सर्जरी – अगर गुहेरी से द्रव नहीं निकला है, और दबाव बना हुआ है, तो मवाद को निकालने के लिए डॉक्टर उसमें एक छोटा सा चीरा लगा सकते हैं। इससे ठीक होने की गति बढ़ जाती है, साथ ही साथ सूजन व दर्द भी कम हो जाता है।

जब तक आंख की फुंसी ठीक नहीं हो जाती तब तक इनको भी प्रयोग करते रहना चाहिए:

  • आंखों में जलन ना करने वाले साबुन और साफ पानी के साथ अपनी आंखों को धीरे-धीरे साफ करें, ऐसा करने से गुहेरी में से द्रव निकलने में मदद मिलती है। जैसे ही आप धीरे-धीरे स्क्रब करते हैं, तो उस समय अपनी आंखें बंद कर लें ऐसा करने से आंखों में जलन आदि नहीं होती है।
  • अपनी आंखों से आराम से धोएं और अधिक तीव्र साबुन का इस्तेमाल ना करें।
  • गुहेरी की फुंसी को ना छूएं और ना ही उसको दबाकर उसमें से मवाद निकालने की कोशिश करें। ऐसा करने से संक्रमण फैल सकता है।
  • जब तक आपकी आंख पूरी तरह से ठीक ना हो जाएं, अपनी आंखों को पूरी तरह स्वच्छ रखें और किसी भी प्रकार का कॉस्मेटिक या मेकअप ना लगाएं।
  • कांटेक्ट लेंस का प्रयोग ना करें, क्योकिं कॉन्टेक्ट लेंस गुहेरी से जुड़े बैक्टीरिया से जल्दी दूषित हो सकते हैं। अगर आप कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, तो जब तक आपकी आंख पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती उनसे पहनने से बचने की कोशिश करें।
  • गर्म खीसा (washcloth) अपनी आंखों पर रखें और दर्द को कम करने के लिए खीसा को आप गर्म पानी से धोकर रख सकते हैं। खीसा को इस तरह से मरोड़ें की वह प्रभावित हिस्से के जितना हो सके करीब आ सके। जब खीसा ठंडा होने लगे उसे गर्म पानी में फिर से भिगो लें। खीसा को लगातार आंख पर 5 मिनट तक लगाकर रखें और फिर आंखों पर हल्के-हल्के मसाज करें यह प्रक्रिया दिन में 2 से 3 बार करें। ऐसा करने से गुहेरी में से मवाद को बाहर निकलने में मदद मिलती है।


संदर्भ

  1. Willmann D, Patel BC, Melanson SW. Stye. [Updated 2019 Apr 7]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan-.
  2. Bragg KJ, Le JK. Hordeolum. [Updated 2019 May 4]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan-.
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  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Eyelid bump
  5. healthdirect Australia. Stye. Australian government: Department of Health
  6. HealthLink BC [Internet] British Columbia; Styes and Chalazia

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