आनुवांशिक लिम्फेडेमा क्या है?
आनुवांशिक लिम्फेडेमा में शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन (एडिमा) आ जाती है। लसीका तंत्र वाहिकाओं, नलिकाओं और नोड्स का एक संचारित नेटवर्क है, जो कुछ प्रोटीन युक्त फ्लूइड (तरल) और रक्त कोशिकाओं को फिल्टर करके पूरे शरीर में वितरित करता है। यह एक जेनेटिक विकास संबंधी विकार है, जो लसीका प्रणाली को प्रभावित करता है। इसमें विभिन्न लसीका वाहिकाओं में किसी तरह की रुकावट, विकृति या विकास न हो पाने के कारण एपिडर्मिस (स्किन की सबसे बाहर वाली परत) के अंदर नीचे के ऊतकों में लसीका फ्लूइड जमा हो जाता है।
आनुवांशिक लिम्फेडेमा के लक्षण
आमतौर पर यह एक दर्द रहित स्थिति है लेकिन इसमें मरीज को लंबे समय तक पैर में बहुत तेज झुनझुनी महसूस हो सकती है और ज्यादातर मरीज इस बीमारी की वजह से पैर की बनावट में आए बदलाव को लेकर चिंता में रहते हैं। शुरुआत में लिम्फेडेमा पैर को प्रभावित करता है और फिर धीरे-धीरे यह बढ़ते हुए टांग तक पहुंच जाता है जिससे पैर की उंगलियों में सूजन आ जाती है।
लिम्फेडेमा के शुरुआती चरणों में, सूजन वाली जगह नरम रहती है यानी प्रभावित हिस्से को दबाने पर वहां कुछ समय के लिए गड्ढे हो जाते हैं। जो लंबे समय से लिम्फेडेमा से जूझ रहे हैं उनके पैरों की उंगलियां लकड़ी की तरह कठोर लगती हैं और ऊतक कठोर एवं फाइब्रोटिक (रेशेदार संयोजी ऊतकों का ज्यादा बनना) हो जाते हैं।
यह सूजन आमतौर पर कमर के नीचे होती है, लेकिन यह चेहरे, कंठनली और हाथों को भी प्रभावित कर सकती है। इसमे सूजन पैर से शुरू होकर ऊपर की ओर बढ़ती है।
आनुवांशिक लिम्फेडेमा के कारण
यह बीमारी आनुवांशिक (जेनेटिक) है, यानी यह बीमारी व्यक्ति को अपने परिवार से ही मिलती है। कई शोधकर्ताओं का मानना है कि आनुवांशिक लिम्फेडेमा विभिन्न रोगजनक जीन में से किसी एक में गड़बड़ी के कारण होता है। कई शोधकर्ताओं ने लसीका प्रणाली से जुड़े जीनों का अध्ययन किया है; हालांकि, आज तक, इस प्रकार के लिम्फेडेमा से किसी आनुवांशिक परिवर्तन की पुष्टि नहीं हुई है।
आनुवांशिक लिम्फेडेमा का इलाज
वर्तमान में आनुवांशिक लिम्फेडेमा के लिए कोई जीन थेरेपी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस स्थिति में होने वाली जटिलताओं जैसे कि संक्रमण और सूजन को कम किया जा सकता है। इसके इलाज में सूजन और संक्रमण को नियंत्रित करना शामिल है। त्वचा को साफ रखना बहुत जरूरी है। बीमारी से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स अक्सर सहायक होती हैं।