हेप्टोरिनल सिंड्रोम (किडनी की समस्‍या) - Hepatorenal Syndrome (HRS) in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

December 23, 2019

January 30, 2024

हेप्टोरिनल सिंड्रोम
हेप्टोरिनल सिंड्रोम

हेप्टोरिनल सिंड्रोम क्या है?

हेप्टोरिनल सिंड्रोम (एचआरएस) धीरे-धीरे बढ़ने वाला रोग है जिसमें किडनी को नुकसान पहुंचता है। इस बीमारी से उन लोगों को ज्यादा खतरा होता है जो गंभीर रूप से लिवर डैमेज की समस्या से जूझ रहे होते हैं। हेप्टोरिनल सिंड्रोम अक्सर लिवर सिरोसिस के कारण होता है। 
किडनी जैसे-जैसे काम करना बंद करने लगती है, वैसे-वैसे शरीर में विषैले तत्व (टॉक्सिन) जमने लगते हैं, जिसके कारण किडनी फेल हो जाती है। वैसे एचआरएस के दो रूप होते हैं जिसमें से पहला है टाइप 1 एचआरएस, जिसमें तेजी से किडनी फेल होने की संभावना रहती है और क्रिएटिनिन का अत्यधिक उत्पादन होने लगता है। दूसरा है टाइप 2 एचआरएस, जिसमें धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचता है। ये स्थिति बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है। इसके लक्षण आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं।

हेप्टोरिनल सिंड्रोम के लक्षण

नीचे दिए गए लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एचआरएस के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

हेप्टोरिनल सिंड्रोम के कारण और जोखिम कारक

एचआरएस लिवर रोग है। यह स्थिति अमूमन सिरोसिस के कारण होती है। यदि कोई व्यक्ति सिरोसिस से ग्रस्त है, तो कुछ कारक उसमे एचआरएस के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसमें शामिल है:

  • ब्लड प्रेशर का असंतुलित होना
  • मूत्रवर्द्धक (पेशाब आने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाई) लेना
  • एक्यूट एल्कोहोलिक हेपेटाइटिस (ज्यादा शराब पीने से लिवर में सूजन होना)
  • जठरांत्र में ब्लीडिंग होना
  • अन्य संक्रमण (खासतौर पर गुर्दे में होने वाले)

हेप्टोरिनल सिंड्रोम का इलाज

वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर्स (रक्त वाहिकाओं को संकुचित करने वाली) जैसी दवाइयां एचआरएस के कारण होने वाले लोबीपी को ठीक करने में मदद कर सकती हैं। किडनी से संबंधित लक्षणों में सुधार के लिए डायलिसिस (किडनी को स्वस्थ करने के लिए ट्रीटमेंट) का उपयोग किया जा सकता है। डायलिसिस में प्रभावित व्यक्ति के खून से हानिकारक अपशिष्टों, नमक और पानी की अत्यधिक मात्रा को साफ किया जाता है। यह प्रक्रिया किसी अस्पताल या डायलिसिस क्लिनिक में की जाती है। एचआरएस के लिए लिवर ट्रांसप्लांट सबसे प्रभावी उपचार है हालांकि लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कई लोग ट्रांसप्लांट से पहले ही मर जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति ट्रांसप्लांट करवाता है, तो उसके जीवित रहने की संभावना में इजाफा होता है।

एचआरएस से बचने के लिए लिवर को स्वस्थ रखना जरूरी है। अत्यधिक मात्रा में शराब न पिएं। वैसे हेपेटाइटिस ए और बी को टीकाकरण (वैक्सीन) के जरिए रोका जा सकता है, लेकिन हेपेटाइटिस सी के लिए अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।



हेप्टोरिनल सिंड्रोम (किडनी की समस्‍या) के डॉक्टर

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