हेनोक शॉनलिन पुरपुरा क्या होता है?
हेनोक-शॉनलिन पुरपुरा को एचएसपी और स्प्रिंग फीवर भी कहा जाता है। इस रोग में छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं में सूजन व लालिमा आ जाती है। एचएसपी विशेष रूप से बच्चों में होता है। इसमें त्वचा, आंतों, किडनी और जोड़ों की रक्तवाहिकाओं में सूजन व लालिमा हो जाती है और रक्तवाहिकाएं रिसने लग जाती हैं।
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हेनोक शॉनलिन पुरपुरा के लक्षण क्या हैं?
एचएसपी के लक्षण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:
- चकत्ते (पुरपुरा)
इसमें लाल व बैंगनी दिखने वाले चकत्ते बन जाते हैं, जो एचएसपी का सबसे मुख्य और सबसे खास पहचान वाला संकेत होता है। ये चकत्ते मुख्य रूप से नितंबों, टांगों और पंजों पर होते हैं, कुछ मामलों में ये बाजुओं, चेहरे और धड़ पर भी हो जाते हैं। (और पढ़ें - त्वचा पर चकत्ते का इलाज)
- जोड़ों में दर्द व सूजन (गठिया)
हेनोक शॉनलिन पुरपुरा से ग्रस्त लोगों को अक्सर जोड़ों में सूजन (गठिया) व दर्द भी होने लगता है। दर्द व सूजन मुख्य रूप से घुटने व टखने में होती है। (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द का इलाज)
- जठरांत्र संबंधी लक्षण
हेनोक शॉनलिन पुरपुरा से ग्रस्त कई बच्चों को जठरांत्र संबंधी लक्षण भी विकसित हो जाते हैं, जैसे पेट में दर्द, मल में खून आना, मतली और उल्टी आदि। (और पढ़ें - पेट में दर्द का घरेलू उपाय)
- किडनी संबंधी समस्याएं
एचएसपी रोग किडनी को भी प्रभावित करता है। ज्यादातर मामलों में पेशाब में खून या प्रोटीन आने लगता है। कई बार पेशाब में खून व प्रोटीन बहुत ही कम मात्रा में होता है और जब तक पेशाब टेस्ट ना करवाया जाए इसका पता नहीं चलता है।
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हेनोक शॉनलिन पुरपुरा क्यों होता है?
एचएसपी में शरीर की छोटी रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है, जिसके कारण त्वचा, पेट व किडनी में रक्तस्राव होने लग जाता है। हालांकि ऐसा क्यों होता है इसके सटीक कारण का पता नहीं लग पाया है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा अनुचित तरीके से प्रतिक्रिया करने के कारण हो सकता है।
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हेनोक शॉनलिन पुरपुरा का इलाज कैसे किया जाता है?
एचएसपी का कोई इलाज नहीं है। यह कुछ हफ्तो के अंदर अपने आप ठीक हो जाता है और जब तक यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता आप घर पर आराम कर सकते हैं।
हेनोक शॉनलिन पुरपुरा फैलता नहीं है इसलिए यदि मरीज को ठीक महसूस हो रहा हो, तो वह स्कूल, कॉलेज या अपने काम पर जा सकता है।
हेनोक शॉनलिन पुरपुरा के लक्षणों को शांत करने के लिए कुछ प्रकार के उपचार किए जा सकते हैं, जैसे
- दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल (Paracetamol) दवा ली जा सकती है।
- ईबुप्रोफेन (Ibuprofen) दवा भी दर्द को कम कर सकती है, डॉक्टर से पूछे बिना कभी भी ईबुप्रोफेन दवा नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है।
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