हीमेटोमा क्या है?
हीमेटोमा एक ऐसी समस्या है, जिसमें चोट लगने के कारण रक्त वाहिका से खून निकलकर बाहर की ओर इकट्ठा होने लगता है। क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं धमनी, नस, या केशिका हो सकती है। इसमें खून बेहद कम, कुछ बूंद के रूप में या ज्यादा हो सकता है, जो खून की कमी का कारण बनता है।
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हीमेटोमा के लक्षण क्या हैं?
हीमेटोमा के लक्षण आमतौर पर उसके आकार और जगह पर निर्भर करते हैं। दर्द, सूजन, लालिमा और छाले हीमेटोमा के आम लक्षण होते हैं। हीमेटोमा के कुछ लक्षण उससे प्रभावित हिस्से से संबंधित होते हैं जैसे -
- सबडुरल हीमेटोमा के लक्षण :
सिरदर्द, तंत्रिका संबंधी समस्या, उलझन महसूस होना, मिर्गी आदि। (और पढ़ें - मिर्गी रोग के लिए घरेलू उपाय)
- एपिडुरल हीमेटोमा के लक्षण :
कमर दर्द, कमजोरी, मल न आना आदि। (और पढ़ें - कमर दर्द दूर करने के नुस्खे)
- सबअंगुअल हीमेटोमा के लक्षण - नाखून में दर्द, नाखूनों में कमजोरी, नाखून टूटना आदि।
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हीमेटोमा क्यों होता है?
हीमेटोमा आमतौर पर चोट के कारण होता है, फिर चाहे वो चोट सड़क दुर्घटना हो, किसी चीज से हल्की टक्कर, कफ या अन्य दुर्घटना। रक्त वाहिका में मौजूद रक्त का लगातर प्रवाह हो रहता है और इसलिए खून का थक्का नहीं जमता है। जब रक्त अपनी संचार प्रणाली (Circulatory system) को छोड़ देता है और स्थिर हो जाता है तो इससे रक्त का थक्का जमने लगता है। चोट लगने के कारण रक्त वाहिक में से जितना ज्यादा खून निकलेगा, हीमेटोमा की समस्या उतनी गी बड़ी होगी।
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हीमेटोमा का इलाज कैसे होता है?
चिकित्सीय देखभाल और सही ट्रीटमेंट हीमेटोमा के द्वारा प्रभावित जगह पर निर्भर करता है, जैसे शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित हो रहा है और किस तरह के लक्षण इससे जुड़े हुए हैं। हीमेटोमा के कुछ मामलों को इलाज की जरूरत नहीं पड़ती, जबकि कुछ मामलों में सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
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