गाइनेकोमैस्टिया का इलाज कैसे करें?
कुछ लोगों में ज्ञ्नेकोमास्टिया का कारण बनने वाली स्थितियों का इलाज (जैसे दवाओं में बदलाव करना, शरीर का मोटापा कम करके या शराब छोड़ कर) करके बढ़े हुऐ स्तनों के आकार को फिर से सामान्य साइज में लाया जा सकता है। कुछ मामलों में स्तनों को फिर से सामान्य बनाने के लिए दवाएं खानी पड़ सकती है और कुछ मामलों में सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है।
डॉक्टर आमतौर पर मैन बूब्स का इलाज दवाओं से ही शुरू करते हैं, इस रोग में उपयोग की गई दवाओं में निम्न शामिल हो सकती हैं:
- टेमोक्सिफेन :
यह शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा को कम करके और पुरुषों में स्तन के आकार को कम करते हुए प्रभावी रूप से मेल बूब्स का इलाज कर देती है। टेमोक्सिफेन दवाएं आमतौर पर टेबलेट के रूप में मिलती हैं, इन दवाओं की कितनी खुराक लेनी है और कब तक लेनी यह यह आपके डॉक्टर निर्धारित करते हैं।
- डेनाजॉल :
यह दवा अंडकोष में बन रहे एस्ट्रोजन की मात्रा को कम कर देती है, जिससे स्तन का आकार कम हो जाता है और मेल ब्रेस्ट के लक्षणों में सुधार हो जाता है। यह दवा भी टेबलेट के रूप में ली जाती है और इसकी खुराक व अवधि डॉक्टर के द्वारा ही निर्धारित की जाती है।
- एरोमाटेज इनहिबिटर्स (कभी-कभार):
इन दवाओं का उपयोग मुख्य रूप से ब्रेस्ट कैंसर के रूप में किया जाता है। एरोमाटेज इनहिबिटर्स दवाएं खाने वाली टेबलेट के रूप में मिलती हैं, इनकी खुराक या इन्हें कितने समय तक खाना है आदि के बारे में डॉक्टर बताते हैं।
ऐसी कोई विशेष दवा नहीं है जिसको सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाए, हालांकि गाइनेकोमैस्टिया के लिए टेमोक्सिफेन दवा को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले उसके फायदे व उनसे होने वाले जोखिम आदि के बारे में पता कर लेना चाहिए।
दवाएं छोड़ देने के बाद गायनेकोमैस्टिया फिर से हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो आपको बिना देरी किए अपने डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए।
ऑपरेशन:
आमतौर पर सर्जरी का उपयोग असाधारण परिस्थितियों में ही किया जाता है। यदि जीवन शैली में उचित बदलाव करने से या दवाओं से इलाज करने पर भी गाइनेकोमैस्टिया में किसी प्रकार का सुधार ना हो पाए, तब ऑपरेशन से इसका इलाज करने पर विचार किया जाता है। यदि आपको लंबे समय से गाइनेकोमैस्टिया की समस्या हो रही है जिससे आपका सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है, तो ऐसे में डॉक्टर सर्जरी से ही इसका इलाज करने के बारे में सोचते हैं।
डॉक्टर ऑपरेशन से पहले ही आपको सर्जरी से जुड़े सभी जोखिम के बारे में बता देते हैं, ताकि आप यह तय कर सकें कि आपको ऑपरेशन करवाना चाहिए या नहीं।
गाइनेकोमैस्टिया का आकार कितना है और चर्बी कितनी बढ़ गई है आदि के आधार पर ऑपरेशन के प्रकार को तय किया जाता है। इलाज का मुख्य लक्ष्य मरीज की छाती को सामान्य आकार में लाना होता है। इसके इलाज में एक से अधिक ऑपरेशन करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
जब शुरूआती इलाज के बाद भी ब्रेस्ट का आकार अधिक रह जाता है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं। इसके लिए की जाने वाली सर्जरी मुख्य दो प्रकार की होती हैं:
- लिपोसक्शन (Liposuction):
इस सर्जरी के द्वारा स्तनों के ऊपर से अतिरिक्त चर्बी को हटा दिया जाता है, लेकिन इससे स्तन की ग्रंथियों को नहीं हटाया जाता है।
- मेसाटेक्टोमी (Mastectomy):
इस सर्जिकल प्रक्रिया की मदद से स्तनों की ग्रंथियों के ऊतकों को ही निकाल दिया जाता है। यह सर्जरी आमतौर पर एंडोस्कोपी की मदद से की जाती है, मतलब इसमें एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है। इस सर्जरी में छोटा सा ही चीरा दिया जाता है, इसलिए यह जल्दी ठीक भी हो जाती है।
कुछ प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं, जिनको अकेले या एक-दूसरे के साथ संयोजन के रूप में किया जा सकता है। किसी भी प्रक्रिया को शुरू करने से पहले डॉक्टर आपकी ध्यानपूर्वक जांच करेंगे, ताकि वे आपके लिए उचित सर्जिकल प्रक्रिया का पता लगा सकें।
(और पढ़ें - ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी)