ग्रोवर रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा पर छोटे, लाल रंग के धब्बे या दाने दिखने लगते हैं। यह धब्बे आमतौर पर छाती या कमर पर होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह शरीर के अन्य हिस्सों पर भी विकसित हो सकते हैं। इस स्थिति में धब्बों पर बार-बार तीव्र खुजली होती है। ज्यादातर मामलों में यह स्थिति 6 से 12 महीनों तक रहती हैं, लेकिन कभी-कभी यह स्थिति लंबे समय तक हो सकती है या फिर समय के साथ आती-जाती रहती है। इसके मूल कारण का अभी तक पता नहीं लग पाया है, हालांकि कुछ कारक हैं जो इस स्थिति को बढ़ा सकते हैं जैसे अधिक गर्मी व ज्यादा पसीना आना। ग्रोवर रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इस स्थिति को काबू करने के कुछ उपाय जरूर किए जा सकते हैं, जैसे मॉइस्चराइज़र, टोपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और ऐसी स्थितियों से बचना जो लक्षणों को बदतर बना सकती हैं।
ग्रोवर रोग के लक्षण
ग्रोवर रोग के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
- छाती, पीठ, और कभी-कभी हाथों और टांगों पर अचानक रैशेज हो जाना
- पतले फफोले जिनमें तरल पदार्थ के साथ बीच में एक बाल हो
- लालिमा और सूजन से घिरा फफोले का एक समूह
- तीव्र खुजली
लक्षण आमतौर पर 6 से 12 महीनों तक रहते हैं, लेकिन कभी-कभी इनके गायब होने में इससे कम या इससे लंबा समय भी लग सकता है।
ग्रोवर रोग के कारण
ग्रोवर रोग के कारणों को अभी तक सही ढंग से नहीं समझा जा सका है। ऐसे कई कारक हैं जिन्हें इस स्थिति को उत्पन्न और खराब करने का कारण माना जाता है। इस रोग को और खराब करने के कारणों में शामिल हैं:
- अधिक गर्मी लगना और पसीना आना
- आयोनाइजिंग रेडिएशन के संपर्क में आना (उदाहरण सूरज, माइक्रोवेव, एक्स-रेज)
- एन्ड-स्टेज रीनल डिजीज (किडनी खराब होने की स्थिति के अंतिम चरण)
- लंबे समय तक बिस्तर पर आराम
- ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन (अंग प्रत्यारोपण)
ग्रोवर रोग उन व्यक्तियों में भी पाया गया जिनमें इसी प्रकार के डर्मेटोलॉजिकल रोग के लक्षण हों, जैसे कि एटॉपिक डर्मेटाइटिस और कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस।
ग्रोवर रोग का इलाज
कुछ मामलों में ग्रोवर रोग को एंटीवायरल दवाएं, जैसे की रिबेविरिन और कैंसर थेरेपी के लिए इस्तेमाल की जाने वाले बॉयलोजिकल एजेंट्स जैसे की एनस्ट्रोज़ोल दवा।
अगर आपको हल्के रैश हैं, तो उनका सबसे पहला इलाज है
- एंटिहिस्टामिन्स (खाने वाली दवा)
- डॉक्टर द्वारा लिखी गई कोई कोर्टिसोन क्रीम, चकत्ते पर लगाने के लिए
- अन्य खुजलीरोधक मलम जिनमें मेंथोल और कपूर मौजूद हों
अगर आपके लक्षण बेहद खराब हैं तो आपके डॉक्टर आपको रेटिनॉइड्स या कोई एंटीबायोटिक लेने की सलाह देंगे। लेकिन इन दवाओं के दुष्प्रभाव (जिनमें कुछ गंभीर) भी हो सकते हैं। हमेशा डॉक्टर से आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं के जोखिम और फायदों के बारे में जान लें।
गंभीर, जिद्दी लक्षणों का इलाज मुश्किल होता है और यह बार-बार वापिस आते रह सकते हैं। इसका मतलब है कि आपको एक लंबे समय तक इलाज की जरूरत है। अगर आपके साथ ऐसा हुआ तो शायद डॉक्टर आपको दवाओं के साथ-साथ लाइट थेरेपी भी दे सकते हैं।
गंभीर लक्षणों के अन्य इलाज में शामिल हैं
- एंटीफंगल गोलियां
- एंटीफंगल मरहम जैसे की सेलेनियम सल्फाइड
- कोर्टिसोन के इंजेक्शन
- कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स की खाने वाली दवा
- एंटीबायोटिक
- सिस्टमिक रेटिनॉइड
साथ ही आपके डॉक्टर ऐसे कार्यों को कम करने की सलाह देंगे जिनसे अधिक पसीना आता हो (जैसे कि अधिक मेहनत वाली कसरत), क्योंकि पसीने से रैश के लक्षण और खराब हो सकते हैं। साथ ही आपके डॉक्टर आपको दिन में कुछ बार नहाने या शॉवर लेने और अधिक समय तक धूप में न रहने की सलाह दे सकते हैं।