ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1 एक वंशानुगत विकार है। इसे जीएसडी1, ग्लाइकोजेन स्टोरेज डिजीज 1ए, ग्लाइकोजेनोसिस टाइप 1 नामों से भी जाना जाता है। इसमें शरीर की कोशिकाओं में ग्लाइकोजन नाम का कॉम्प्लेक्स शुगर जमा होने लगता है। ग्लाइकोजन इकट्ठा होने से शरीर के कुछ अंगों और ऊतकों, विशेष रूप से लिवर, किडनी और छोटी आंत के कार्य में बाधा आती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1 के दो प्रकार होते हैं, जिनके संकेत और लक्षण और आनुवांशिक कारण भिन्न होते हैं। इन प्रकारों को ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1ए और ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1बी के रूप में जाना जाता है।
ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1 बीमारी प्रति 1 लाख व्यक्तियों में किसी 1 को होती है। इसमें ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1ए, ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज टाइप 1बी की अपेक्षा अधिक कॉमन है और करीब 80 प्रतिशत मामले इसी बीमारी के होते हैं।
(और पढ़ें - लिवर रोग के कारण)