ग्लूटेन एलर्जी में डॉक्टर सबसे पहले ग्लूटेन फ्री आहार खाने की सलाह देते हैं. वहीं, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए कह सकते हैं, जिसमें आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज, शराब और धूम्रपान का त्याग और हेल्दी डाइट लेने की सलाह दे सकते हैं. इसके अलावा, शरीर में ग्लूटेन एलर्जी के लक्षण दिखने पर उसके स्वरूपों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है. आइए जानते हैं इस बारे में-
गेहूं की एलर्जी का इलाज : गेहूं की एलर्जी का सबसे अच्छा इलाज गेहूं के प्रोटीन से बचना है. यह मुश्किल हो सकता है, क्योंकि अधिकतर खाद्य पदार्थों में गेहूं होता है. इसलिए, खाद्य पदार्थों में गेहूं के प्रोटीन की जांच करना महत्वपूर्ण है.
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इसके अलावा, अगर आप गेहूं से युक्त आहार के सेवन कर रहे हैं, तो एंटीहिस्टामाइन का सेवन करें. किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा गतिविधि को कम करने में एंटीहिस्टामाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एलर्जी के लक्षणों को खत्म या कम कर सकते हैं. किसी भी गेहूं से युक्त आहार का सेवन करने के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं. इससे एलर्जी के लक्षण कम नजर आते हैं. बस ध्यान रखें कि डॉक्टर की सलाह पर ही एंटीहिस्टामाइन का सेवन करें. इसके अलावा, एपिनेफ्रीन और एड्रेनालाइन जैसी दवाइयों का भी सेवन किया जा सकता है.
वहीं, गंभीर लक्षण दिखने पर आपातकाल में आप एनाफिलेक्सिस का इस्तेमाल कर सकते हैं. बस, ध्यान रखें कि बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के इन दवाइयों का सेवन न करें.
सीलिएक रोग का इलाज : सीलिएक रोग से बचने के लिए सबसे पहले ग्लूटेन फ्री आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, कुछ दवाइयों का भी इस्तेमाल करने के लिए भी कहा जा सकता है, जिसमें प्रेडनिसोलोन भी शामिल है. हालांकि, इन दवाइयों का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
नॉन-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता का इलाज : इस समस्या का इलाज मरीज के लक्षणों और कारणों के आधार पर किया जाता है. साथ ही डॉक्टर भोजन और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की भी सलाह दे सकते हैं.
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