शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है और इस ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए उसे प्रोटीन और वसा को तोड़ने की जरूरत होती है। ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 जिसे ग्लूटेटिरक एसिड्यूरिया टाइप 2 या जीए2 भी कहा जाता है एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर प्रोटीन और वसा को तोड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है। ये प्रोटीन और वसा जो पूरी तरह से प्रोसेस नहीं हो पाते हैं वे शरीर में जमा होने लगते हैं जिस वजह से खून और ऊत्तक बहुत ज्यादा अम्लीय (एसिडिक) होने लगते हैं। बीमारी की शुरुआत आमतौर पर जब बच्चा नवजात होता है तभी हो जाती है। बीमारी की गंभीरता हर प्रभावित मरीज में अलग-अलग तरह की हो सकती है।