ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 - Glutaric Acidemia Type 2 in Hindi

Dr. Pradeep JainMD,MBBS,MD - Pediatrics

January 06, 2021

January 13, 2021

ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2
ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2

शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है और इस ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए उसे प्रोटीन और वसा को तोड़ने की जरूरत होती है। ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 जिसे ग्लूटेटिरक एसिड्यूरिया टाइप 2 या जीए2 भी कहा जाता है एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर प्रोटीन और वसा को तोड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है। ये प्रोटीन और वसा जो पूरी तरह से प्रोसेस नहीं हो पाते हैं वे शरीर में जमा होने लगते हैं जिस वजह से खून और ऊत्तक बहुत ज्यादा अम्लीय (एसिडिक) होने लगते हैं। बीमारी की शुरुआत आमतौर पर जब बच्चा नवजात होता है तभी हो जाती है। बीमारी की गंभीरता हर प्रभावित मरीज में अलग-अलग तरह की हो सकती है।

ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 के संकेत और लक्षण - Glutaric Acidemia Type 2 Symptoms in Hindi

बीमारी से पीड़ित कुछ मरीजों में स्थिति बहुत गंभीर होती है जो कि नवजात अवस्था (जन्म के बाद शुरुआती 4 हफ्ते) में ही दिखने लगती है और घातक हो सकती है। ऐसे गंभीर मामलों में शारीरिक बनावट में असामान्य बदलाव हो सकता है, जिनमें मस्तिष्क की विकृति, लिवर बढ़ना, किडनी की विकृति, चेहरे की बनावट में असामान्यता, जननांग असामान्यताएं, हृदय कमजोर व बड़ा होना, तरल पदार्थों से भरा सिस्ट और पैरों में ज्यादा पसीने की वजह से बदबू आना जैसी दिक्कतें शामिल हैं।

कम गंभीर स्थिति वाले मामले शैशवावस्था, बचपन या वयस्क होने पर भी दिखाई दे सकते हैं। जीए2 से ग्रस्त अधिकतर लोगों में चयापचय से जुड़ी परेशानी होती है, जिसकी वजह से कमजोरी, व्यवहार में बदलाव (जैसे दूध पीने में दिक्कत और एक्टिविटी कम करना) और उल्टी की समस्या हो सकती है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है और बचपन की सामान्य बीमारियों की वजह से ट्रिगर होती है।

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ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 का कारण - Glutaric Acidemia Type 2 Causes in Hindi

ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 का कारण जीन में गड़बड़ी है। यह ईटीएफए, ईटीएफबी या ईटीएफडीएच नामक जीन में उत्परिवर्तन की वजह से होता है। यह ऑटोसोमल रिसेसिव पैटर्न के जरिये अगली पीढ़ी में पारित होता है, जिसका मतलब है कि बच्चे को उसके माता पिता दोनों से जीन की खराब प्रतियां मिली हैं।

इस जीन में गड़बड़ी होने से 'एसिल-सीओए डीहाइड्रोजिनेज (एमएडीडी)' नामक एंजाइम की कमी या पूर्ण अनुपस्थिति हो जाती है। चूंकि यह एंजाइम वसा और प्रोटीन को तोड़ने के लिए आवश्यक है क्योंकि शरीर इसे तोड़कर ही ऊर्जा का उपयोग करता है। इस स्थिति में मूत्र और खून में कई ऑर्गैनिक एसिड जमा हो जाते हैं।

ईटीएफए और ईटीएफबी में उत्परिवर्तन होने से आमतौर पर नवजात अवस्था में बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं जबकि ईटीएफडीएच जीन में उत्परिवर्तन होने से जीवन के बाद के सालों में बीमारी के लक्षण दिखते हैं।

ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 का निदान - Glutaric Acidemia Type 2 Diagnosis in Hindi

जीए टाइप 2 का निदान यूरिन में ऑर्गैनिक एसिड की जांच से शुरू किया जाता है। हालांकि जेनेटिक स्थितियों का निदान अक्सर चुनौतीभरा होता है, लेकिन डॉक्टर निम्नलिखित चीजों के जरिए भी बीमारी को डायग्नोज करते हैं:

  • मेडिकल हिस्ट्री
  • मरीज में बीमारी के लक्षण
  • शारीरिक जांच
  • लैब टेस्ट

ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 का इलाज - Glutaric Acidemia Type 2 Treatment in Hindi

ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 का उपचार इसकी गंभीरता और लक्षणों पर निर्भर ​करता है। लेकिन कम फैट, कम प्रोटीन और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।

उपचार का उद्देश्य लंबे समय तक लक्षणों का प्रबंधन करना है। हालांकि, जिन बच्चों में बार-बार चयापचय से जुड़ी परेशानी होती है, उनमें जीवन भर सीखने से संबंधित समस्या हो सकती है। ग्लूटेरिक एसिडेमिया टाइप 2 वाले लोगों को मेटाबॉलिक एक्सपर्ट और डायटीशियन से परामर्श लेने की जरूरत होती है जो उनकी स्थिति के अनुसार सही डाइट प्लान तैयार करते हैं। आवश्यकता के अनुसार, जीवन भर उपचार जारी रखने की आवश्यकता पड़ सकती है। जीए टाइप 2 के उपचार में शामिल हैं:

  • बहुत देर तक भूखे न रहें। शिशुओं और छोटे बच्चों को हाइपोग्लाइसीमिया और चयापचय संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें लगातार थोड़ी-थोड़ी देर में भोजन कराना चाहिए।
  • अक्सर कम वसा, कम प्रोटीन और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाला आहार लेने की सलाह दी जाती है।
  • राइबोफ्लेविन, एल-कार्निटाइन और ग्लाइसिन की खुराक की आवश्यकता हो सकती है। ये पूरक शरीर को ऊर्जा बनाने में मदद करते हैं।
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