जीभ में सूजन - Swollen toungue in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 04, 2018

August 09, 2024

जीभ में सूजन
जीभ में सूजन

परिचय:

जीभ में सूजन को मेडिकल भाषा में “ग्लोसाइटिस” (Glossitis) कहा जाता है। जीभ में सूजन कई कारणों से हो सकती है, जैसे विटामिन बी12 की कमीस्जोग्रेन सिंड्रोम आदि, इसके अलावा किसी कीमोथेरेपी व अन्य किसी प्रकार की दवा के साइड इफेक्ट के रूप में भी जीभ में सूजन आ सकती है। शरीर के अन्य किसी भाग में सूजन की तरह इस स्थिति में भी मरीज की जीभ में सूजन, लालिमा और जीभ का रंग बदलने जैसे लक्षण हो जाते हैं। जीभ में सूजन होने से पैदा होने वाले कुछ लक्षण थोड़े से समय के लिए होते हैं, जबकि कुछ लक्षण स्थायी हो जाते हैं।

जीभ की सूजन के लक्षण सौम्य या गंभीर भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में मसालेदार व गर्म भोजन नहीं खाना चाहिए, तंबाकू व शराब आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए। जीभ में अधिक सूजन आने से रोकने और उसके लक्षणों को कम करने के लिए मुंह में अच्छी स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। 

कई बार जीभ में सूजन के लक्षणों के कंट्रोल करने और दर्द को कम करने के लिए इलाज करवाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके इलाज में जीभ पर लगाने के लिए सुन्न करने वाली दवा या कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं दी जाती हैं। यदि इसका कारण बनने वाली समस्या का इलाज कर दिया जाए तो जीभ की सूजन अपने आप ठीक हो जाती है।

जीभ में सूजन होने पर कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे श्वसन मार्ग रुक जाने के कारण सांस लेने में दिक्कत होना आदि।

(और पढ़ें - दम घुटने के लक्षण)

जीभ की सूजन क्या है - What is Glossitis in Hindi

जीभ में सूजन, लालिमा व जलन जैसी स्थिति को ग्लोसाइटिस या जीभ की सूजन कहा जाता है। जीभ संबंधी ऐसी कई समस्याएं हैं, जिनके कारण जीभ में सूजन आ जाती है। इस स्थिति में जीभ का रंग बदल जाता है और दर्द भी होने लगता है।

(और पढ़ें - जीभ के छाले का कारण)

 

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जीभ में सूजन के प्रकार - Types of Glossitis in Hindi

जीभ की सूजन कितने प्रकार की होती है?

जीभ की सूजन मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:

  • एक्युट ग्लोसाइटिस (Acute glossitis):
    इस स्थिति में अचानक से जीभ में सूजन आती है और अक्सर इसके लक्षण भी गंभीर होते हैं। जीभ की सूजन का यह प्रकार अक्सर एलर्जिक रिएक्शन जैसी स्थिति में होता है। (और पढ़ें - इंफ्लेमेटरी डिजीज)
     
  • क्रोनिक ग्लोसाइटिस (Chronic glossitis):
    लंबे समय तक जीभ में सूजन रहने या बार-बार सूजन आने की स्थिति को क्रोनिक ग्लोसाइटिस कहा जाता है। जीभ की सूजन का यह प्रकार अक्सर किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लक्षण के रूप में विकसित होता है। 
     
  • एट्रोफिक ग्लोसाइटिस (Atrophic glossitis):
    जब जीभ की छोटी-छोटी संरचना के भाग टूटने नष्ट होने लग जाते हैं, तब एट्रोफिक ग्लोसाइटिस होता है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप जीभ की ऊपरी बनावट व रंग बदल जाता है। एट्रोफिक ग्लोसाइटिस में जीभ अधिक चमकदार दिखाई देने लग जाती है।

(और पढ़ें - चेहरे पर सूजन का इलाज)

जीभ में सूजन के लक्षण - Glossitis Symptoms in Hindi

जीभ की सूजन से क्या लक्षण होते हैं?

ग्लोसाइटिस के लक्षण अचानक से भी हो सकते हैं या समय के साथ धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जीभ हिलाने में कठिनाई महसूस होना
  • जीभ में खुजली या जलन महसूस होना
  • स्वाद कलिकाओं (Taste buds) की आकृति व आकार में बदलाव होने का कारण जीभ की सतह की बनावट में बदलाव होना
  • जीभ में सूजन आना
  • निगलने में कठिनाई
  • जीभ का रंग पीला या चमकदार लाल हो जाना
  • चबाने में कठिनाई
  • जीभ की ऊपरी सतह चिकनी होना
  • बोलने में दिक्कत
  • जीभ में दर्द होना

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

निम्न स्थिति में आपको डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए:

  • यदि जीभ की सूजन के लक्षण लगातार 10 या उससे अधिक दिनों से महसूस हो रहे हैं।
  • यदि बोलने, चबाने या निगलने में काफी कठिनाई हो रही हो।
  • यदि किसी व्यक्ति की जीभ में गंभीर रूप से सूजन आ गई है और इस कारण से उसके श्वसन मार्ग बंद होने लग गए हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को जल्द से जल्द डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए क्योंकि यह किसी खतरनाक बीमारी का संकेत हो सकता है।

(और पढ़ें - लाल बुखार के लक्षण)

जीभ में सूजन के कारण व जोखिम कारक - Glossitis Causes & Risk Factors in Hindi

जीभ में सूजन क्यों होती है?

कुछ रोग व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जो जीभ में सूजन होने का कारण बनती हैं, जैसे:

  • शरीर में खून की कमी
  • एचआईवी एड्स
  • लगाने वाली या सूंघने वाली कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं का उपयोग करना (और पढ़ें - स्टेरॉयड क्या है)
  • एप्सटीन बार वायरस या कैंडिडिआसिस आदि से संक्रमण होना (और पढ़ें - कैंडिडा संक्रमण का इलाज)
  • मुंह में किसी प्रकार की चोट लगना, जैसे दांतों या ब्रेसिस (दांतों को सीधा करने के लिए लगाए जाने वाले तार) आदि से कट लगना या गर्म भोजन से मुंह जल जाना आदि के कारण भी जीभ में सूजन, लालिमा व जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 
  • दांत ठीक से फिट ना होने, कुछ अधिक गर्म खाने या अचानक से दौरा आदि पड़ने के कारण जीभ क्षतिग्रस्त हो जाना
  • शराब, तंबाकू, गर्म भोजन या अधिक खट्टे फल खाने के कारण मुंह में जलन होना
  • पोषक तत्वों की कमी (जैसे विटामिन बी12, फोलिक एसिड)
  • एंटीबायोटिक दवाओं को लंबे समय तक लेना
  • किसी प्रकार के केमिकल से जीभ उत्तेजित होना जैसे डाई, माउथवॉश या टूथपेस्ट में पाए जाने वाले कुछ प्रकार के केमिकल
  • जीभ का कैंसर
  • कुछ प्रकार की दवाएं भी हैं, जो जीभ में सूजन का कारण बन सकती हैं:
    • कैपट्रोप्रिल
    • एनाप्रिल
    • क्लैरीथ्रोमाइसिन
    • लेन्सोप्राजोल
    • मेट्रोनिडाजोल
    • नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स

जीभ में सूजन होने का खतरा कब बढ़ता है?

कुछ कारक हैं, जो जीभ की सूजन का खतरा बढ़ाते हैं:

(और पढ़ें - गर्भनिरोधक इंजेक्शन कैसे उपयोग करें)

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जीभ में सूजन से बचाव - Prevention of Glossitis in Hindi

जीभ में सूजन की रोकथाम कैसे की जाती है?

कुछ तरीके अपना कर जीभ में सूजन होने से बचाव किया जा सकता है:

  • स्वस्थ भोजन खाना
  • मुंह की स्वच्छता को बनाए रखना, जैसे नियमित रूप से ब्रश व फ्लोसिंग (धागे के साथ  दांतों की सफाई) करना और माउथवॉश के साथ कुल्ला करना आदि (खासकर सोने से पहले) (और पढ़ें - मुंह की बदबू का घरेलू उपाय)
  • दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना और ब्रश करने के दौरान अपनी जीभ को भी साफ करना
  • जीभ को उत्तेजित करने वाली चीजों का सेवन ना करना जैसे मसालेदार भोजन, सिगरेट और अम्लीय खाद्य पदार्थ
  • तंबाकू चबाने से भी जीभ में सूजन आ जाती है। यदि आप तंबाकू छोड़ने के लिए मदद चाहते हैं, तो डॉक्टर आपको कुछ दवाएं व कुछ तरीके बता सकते हैं जिनकी मदद से आपको तंबाकू छोड़ने में मदद मिल सकती है।
  • किसी भी प्रकार का खाद्य पदार्थ या दवा आदि जिससे आपको एलर्जी या जीभ में सूजन आ जाती है, तो उन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए।

(और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट क्या है)

जीभ में सूजन का परीक्षण - Diagnosis of Glossitis in Hindi

जीभ में सूजन की जांच कैसे करें?

इस समस्या की जांच डॉक्टर या डेंटिस्ट के द्वारा की जाती है। 

परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपकी मेडिकल संबंधी पिछली जानकारी लेते हैं और आपके लक्षणों की जांच करते हैं। 

आपकी जीभ, मसूड़ों या मुंह के नरम ऊतकों में किसी प्रकार की गांठ या फफोले आदि का पता लगाने के लिए आपके मुंह के अंदर की जांच करते हैं। परीक्षण के दौरान डॉक्टर जीभ की सतह पर पपिल (जीभ की सतह के उभार) की जांच करते हैं और सूजन व लालिमा के क्षेत्रों का पता लगाते हैं। (और पढ़ें - एंडोस्कोपी टेस्ट)

परीक्षण के दौरान मरीज को अपने स्वास्थ्य और जीवनशैली संबंधी सभी जानकारियां डॉक्टर को देनी पड़ती हैं। यदि चोट आदि का निशान नहीं दिखाई दे रहा या जीभ की सूजन के कारण का पता नहीं लग पा रहा तो स्वास्थ व जीवनशैली संबंधी जानकारियां जीभ की सूजन के कारण का पता लगाने में डॉक्टर की मदद करती हैं। 

जीभ की सूजन का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट भी कर सकते हैं:

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

जीभ में सूजन का इलाज - Glossitis Treatment in Hindi

जीभ की सूजन का इलाज कैसे किया जाता है?

जीभ की सूजन का इलाज उसके कारण के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर जब डॉक्टर जीभ में सूजन होने के कारण का पता लगा लेते हैं, तो इलाज बिना किसी परेशानी के हो जाता है। 

ग्लोसाइटिस के इलाज का मुख्य लक्ष्य जीभ की सूजन को कम करना होता है। यदि जीभ में गंभीर सूजन नहीं है, तो मरीज को इलाज के दौरान अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती। 

  • सबसे पहले डॉक्टर जीभ की सूजन का कारण बनने वाले संक्रमण या रोग का इलाज करने के लिए दवाएं देते हैं।
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक, फंगल इन्फेक्शन के लिए एंटीफंगल और वायरल इन्फेक्शन के लिए एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं।
  • यदि जीभ की सूजन का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी है, तो डॉक्टर पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के कुछ सुझाव देते हैं। 
  • जीभ की सूजन को कम करने के लिए प्रेडनीसोन जैसी कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं दी जा सकती हैं। यदि जीभ की सूजन गंभीर नहीं है, तो डॉक्टर कुछ लगाने की क्रीम या कुल्ला करने के लिए माउथवॉश देते हैं, क्योंकि खाने वाली कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
  • शरीर में खून की कमी या अन्य पोषक तत्वों की कमी (जैसे नियासिन, रिबोफ्लैविन, आयरन या विटामिन ई की कमी) को आहार में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। स्थिति को जल्दी कंट्रोल में करने के लिए डॉक्टर कुछ सप्लीमेंट्स भी दे सकते हैं।
  • यदि किसी अंदरुनी बीमारी के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हुई है जैसे कि सीलिएक रोग, तो डॉक्टर इलाज के साथ आपके आहार में भी कुछ बदलाव करवा सकते है, जिसकी मदद से अंदरुनी समस्या को नियंत्रित किया जाता है।

(और पढ़ें - फंगल संक्रमण के उपाय)

घरेलू उपाय:

  • नारियल का तेल:
    एक छोटा चम्मच शुद्ध नारियल का तेल लें और उसको अपने मुंह में डाल लें। लगभग पंद्रह मिनट तक उसे अपने मुंह में घुमाते रहें और फिर उसके बाद उसे थूक दें। उसके बाद हल्के गर्म पानी के साथ कुल्ला करें। जब तक आपके लक्षण कम नहीं हो जाते, हर रोज सुबह खाली पेट इस उपाय को करें। (और पढ़ें - नारियल के फायदे)
     
  • एलोवेरा:
    एलोवेरा के रस को अपनी जीभ पर लगाएं और उसे कम से कम दस मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद हल्के गर्म पानी के साथ कुल्ला कर लें। इस उपाय को कम से कम दो या तीन दिन करें।
     
  • ग्लिसरीन:
    एक रुई का टुकड़ा लेकर उसे ग्लिसरीन में डुबोएं, उसे जीभ पर लगाएं और दस मिनट तक रखें। उसके बाद जीभ पर धीरे-धीरे ब्रश करें और फिर हल्के गर्म पानी के साथ कुल्ला कर लें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार करें।
     
  • सेब का सिरका:
    एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और उसी चम्मच का एक चौथाई हिस्सा बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाएं। इस घोल के साथ दिन में दो या तीन बार कुल्ला करें। (और पढ़ें - सेब के फायदे)
     
  • पुदीना:
    एक गिलास पानी में कुछ ताजा पत्तियां पुदीने की डालें और पानी को उबाल लें। उबलने के बाद पानी को ठंडा होने दें और फिर इस पानी से कुल्ला करें। (और पढ़ें - पुदीने के फायदे)
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जीभ में सूजन की जटिलताएं - Glossitis Complications in Hindi

जीभ की सूजन से क्या समस्याएं होती हैं?

सही इलाज करने से आमतौर पर जीभ की सूजन ठीक हो जाती है। बहुत ही कम मामलों में जीभ में सूजन होने से किसी प्रकार की जटिलता होती है। हालांकि इससे ये जटिलताएं हो सकती हैं:

  • श्वसन मार्ग बंद हो जाना
  • बोलने, चबाने व निगलने में कठिनाई होना

(और पढ़ें - सांस फूलने का इलाज)

जीभ में सूजन में परहेज़ - What to avoid during Glossitis in Hindi?

जीभ की सूजन में क्या परहेज करें?

यदि आपकी जीभ में सूजन आ गई है, तो ये चीजें ना खाएं:

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण)

जीभ में सूजन में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Glossitis in Hindi?

जीभ में सूजन आने पर क्या खाएं?

यदि आपकी जीभ में सूजन हो गई है, तो ये खाद्य पदार्थ आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं:

(और पढ़ें - अमरूद के पत्तों के फायदे)



संदर्भ

  1. Stoopler ET, Kuperstein AS. Glossitis secondary to vitamin B12 deficiency anemia. CMAJ. 2013;185(12):E582.
  2. Michigan Medicine [internet]. University of Michigan. Tongue Problems
  3. American Family Physician. American Academy of Family Physicians [Internet]. Leawood (KS); Common Tongue Conditions in Primary Care
  4. Penn State Health Milton S. Hershey Medical Center [Internet]. Hershey, Pennsylvania, US; Glossitis