गिल्बर्ट सिंड्रोम एक आनुवंशिक स्थिति है, जिसके कारण लिवर ठीक से कार्य नहीं कर पाता है। कार्य प्रभावित होने के कारण लिवर, बिलीरुबिन नामक एक यौगिक को सही ढंग से संसाधित नहीं कर पाता है। सामान्य रूप से लिवर पुरानी लाल रक्त कोशिकाओं को बिलीरुबिन सहित तमाम यौगिकों में ब्रेक डाउन करता है, जो मल और मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकलते हैं। सरल शब्दों में इसे ऐसे समझा जा सकता है- शरीर में ब्रेक डाउन करने वाली लिवर एंजाइम की मात्रा कम होने के कारण गिल्बर्ट सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। नतीजतन, रक्त में बिलीरुबिन की अतिरिक्त मात्रा निर्मित होने लगती है।
यदि आपको गिल्बर्ट सिंड्रोम है तो रक्त प्रवाह में बिलीरुबिन बनने लगता है जिससे हाइपरबिलीरुबिनमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सरल शब्दों में इसे शरीर में बिलीरुबिन की उच्च मात्रा के रूप में समझा जा सकता है। बिलीरुबिन की बढ़ी हुई मात्रा इस बात का संकेत है कि आपके लिवर फंक्शन में कुछ समस्या है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह हानिकारक स्थिति नहीं है और ज्यादातर मामलों में इसके इलाज की भी आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ लोगों में इस स्थिति के चलते शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। आंंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में तीन से सात फीसदी लोगों को गिल्बर्ट सिंड्रोम की समस्या है।
इस लेख में हम गिल्बर्ट सिंड्रोम के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।