जिआर्डिएसिस क्या है?
जिआर्डिएसिस आंतों संबंधी एक इन्फेक्शन है, जो मुख्य रूप से जिआर्डिया लैम्बलिया (Giardia lamblia) नामक सूक्ष्मजीव के कारण होता है। यह सूक्ष्मजीव दुनियाभर के सभी क्षेत्रों में पाया जाता है, यह खासकर ऐसे क्षेत्रों में मिलता है जहां पर्याप्त स्वच्छता ना हो। यह दुनियाभर के कई देशों में यह इन्फेक्शन मुख्य रूप से पानी के द्वारा फैलता है।
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जिआर्डिएसिस के लक्षण क्या हैं?
जिआर्डिएसिस के लक्षण सूक्ष्मजीव के संपर्क में आने के एक या दो हफ्ते बाद शुरू होने लगते हैं। कुछ लोगों के शरीर में यह सूक्ष्मजीव होने के बावजूद भी किसी प्रकार के लक्षण नहीं होते बाकी अन्य लोगों में निम्न प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं:
- थकान
- जी मिचलाना
- दस्त लगना
- भूख कम लगना
- उल्टी आना
- पेट फूलना
- पेट में मरोड़ होना
- शरीर का वजन कम होना
- अधिक गैस बनना
- सिरदर्द होना
- पेट में दर्द होना
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जिआर्डिएसिस क्यों होता है?
जिआर्डिएसिस, जिआर्डिया लैम्बलिया नाम के एक सूक्ष्मजीव के कारण होता है, यह सूक्ष्मजीव मनुष्य व जानवरों की आंत में रहता है। मल के साथ शरीर से बाहर निकलने से पहले ये सूक्ष्मजीव सिस्ट में रहते हैं। सिस्ट में ये बैक्टीरिया कई महीनों तक जीवित रह सकते हैं। जब यह सिस्ट फट या घुल जाती है, तो इसके अंदर के सूक्ष्मजीव बाहर आने लग जाते हैं।
इन्फेक्शन तब होता है, जब किसी स्थिति के दौरान यह सूक्ष्मजीव आपके शरीर के अंदर चला जाता है। जिआर्डिएसिस दूषित पानी पीने से, दूषित भोजन खाने या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो जाता है।
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जिआर्डिएसिस का इलाज कैसे किया जाता है?
स्थिति का इलाज करने के लिए सबसे पहले मरीज के मल का सेंपल लिया जाता है और फिर उसको जांच के लिए लैब में भेज दिया जाता है।
रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर को स्थिति का सही पता लग जाता है, जिसके अनुसार मरीज के लिए उपयुक्त एंटीबायोटिक दवाएं लिख दी जाती हैं। इलाज शुरू होने के बाद जिआर्डिएसिस के लक्षण आमतौर पर कुछ दिन तक ही रहते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसके लक्षण लंबे समय तक भी रह सकते हैं।
कई बार मरीज के साथ रहने वाले लोगों को भी टेस्ट व इलाज करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
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