गैंसर सिंड्रोम एक दुर्लभ प्रकार की स्थिति है, जिसमें व्यक्ति जानबूझकर और सचेत रूप से ऐसे कार्य करता है जैसे कि उसे कोई शारीरिक या मानसिक बीमारी हो, जबकि वास्तव में वह बीमार नहीं होते हैं। गैंसर सिंड्रोम वाले लोग ऐसे लोगों के व्यवहार की नकल करते हैं, जिन्हें मानसिक बीमारी (जैसे सिजोफ्रेनिया) हो।
इस सिंड्रोम को कभी-कभी "प्रिजन साइकोसिस" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि सबसे पहले यह बीमारी कैदियों में देखने को मिली थी।
गैंसर सिंड्रोम की पहचान सबसे पहले 1897 में 4 कैदियों में की गई थी। शुरू में, इसे दुर्लभ माना जाता था क्योंकि यह मुख्यतः फोरेंसिक सेटिंग्स में होता था। यही वजह है कि इसे प्रिजन साइकोसिस कहा जाने लगा। लेकिन बाद में ऐसे मामलों को गैर-फोरेंसिक सेटिंग्स में बार-बार रिपोर्ट किया जाने लगा। इस विकार को पहले एक फैक्टीशियस डिसऑर्डर के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन वर्तमान में डिएसोसिएटिव डिसऑर्डर माना जाता है।
दरअसल फैक्टीशियस डिसऑर्डर को तकनीकी रूप से मानसिक बीमारी माना जाता है, क्योंकि गंभीर रूप से भावनाओं से जुड़ी कठिनाइयों से जुड़ा है।