गैलवे-मोएट सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है। न्यूरोडीजेनेरेटिव का मतलब है मस्तिष्क के कुछ हिस्सों का काम करना बंद कर देना। इस विकार में विकास संबंधी समस्याएं व शारीरिक असामान्यताएं हो सकती हैं। इस बीमारी (जीएमएस) से प्रभावित बच्चे अक्सर जन्म के शुरुआती कुछ वर्षों के बाद जीवित नहीं रह पाते हैं। गैलवे-मोएट सिंड्रोम वाले रोगियों में किडनी खराब होने की वजह से बचपन में ही इंट्रैक्टेबल दौरे (ऐसे दौरे जो दवाओं से नियंत्रित नहीं होते) और नेफ्रोटिक सिंड्रोम (किडनी डिसऑर्डर), साइकोमोटर डिलेय, मानसिक मंदता और बचपन की शुरुआती अवस्था में ही मृत्यु होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस बीमारी को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे गैलवे सिंड्रोम, माइक्रोसेफली नेफ्रोसिस सिंड्रोम, हाइटल हर्निया माइक्रोसेफली नेफ्रोसिस इत्यादि।
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