कारण
कुछ लोगों में बिना किसी कारण के भी गैलेक्टोरिया हो सकता है, जिस स्थिति को इडियोपैथिक गैलेक्टोरिया कहा जाता है। जबकि कुछ महिलाओं व पुरुषों में गैलेक्टोरिया होने के कई कारण हो सकते हैं। स्तनों के ऊतक कुछ प्रकार के हार्मोन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। स्तनों से दूध या पानी आने के मुख्य कारणों में निम्न हैं -
प्रोलैक्टिनोमा
यह पिट्यूटरी ग्रंथि में बनने वाला एक ट्यूमर होता है। इस ट्यूमर के कारण पिट्यूटरी ग्रंथि में दबाव बढ़ जाता है, जिससे वह उत्तेजित होकर अधिक प्रोलैक्टिन हार्मोन बनाने लग जाती है। प्रोलैक्टिन हार्मोन स्तन से दूध निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
महिलाओं में प्रोलैक्टिनोमा से निम्न समस्याएं हो सकती हैं -
पुरुषों में प्रोलैक्टिनोमा से निम्न समस्याएं देखी जा सकती हैं :
यदि ट्यूमर का आकार अत्यधिक बढ़ जाता है, तो पिटयूटरी ग्रंथि के पास मस्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ने लगता है। ऐसे में सिरदर्द और दृष्टि में बदलाव जैसी कुछ समस्याएं देखी जा सकती हैं।
अन्य ट्यूमर
कुछ अन्य ट्यूमर पिट्यूटरी ग्रंथि के उस भाग पर दबाव डाल सकते हैं, जहां से यह हाइपोथैल्मस से जुड़ा होता है। हाइपोथैल्मस मस्तिष्क का निचला भाग होता है। हाइपोथैल्मस से जुड़े पिटयूटरी ग्रंथि के भाग में दबाव पड़ने पर डोपामाइन हार्मोन बनना बंद हो जाता है। डोपामाइन भावनात्मक क्रियाओं को नियमित रखने के साथ-साथ प्रोलैक्टिन के स्तर पर भी नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर उसे कम कर देता है।
यदि डोपामाइन पर्याप्त मात्रा में बन नहीं पा रहा है, तो पिट्यूटरी ग्रंथि अत्यधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन बना सकती है। अधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन बनने पर स्तनों से असामयिक दूध निकलने लगता है।
अन्य कारण
स्वास्थ्य व जीवनशैली संबंधी अन्य कई स्थितियां हैं, जिनके कारण अधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन बनने लगता है और परिणामस्वरूप गैलेक्टोरिया रोग हो जाता है।
गैलेक्टोरिया का कारण बनने वाले रोग -
गैलेक्टोरिया का कारण बनने वाली दवाएं :
- उच्च रक्तचाप कम करने वाली कुछ दवाएं जैसे मेथाइलडोपा
- ओपिओइड की कुछ दवाएं जैसे ऑक्सिकोडोन और फेन्टानिल
- डिप्रेशन कम करने वाली दवाएं जैसे पेरोक्सेटाइन
- कोकेन या मारिजुआना का सेवन
- कुछ प्रकार के हर्बल प्रोडक्ट जैसे सौंफ के बीज
- जठरांत्र संबंधी समस्याओं के लिए प्रोकिनेटिक्स
- परजीवी संक्रमण से बचने के लिए फेनोथायजिन्स
इसके अलावा यदि महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं, तो उनके हार्मोन के सामान्य स्तर प्रभावित हो सकते हैं और परिणामस्वरूप गैलेक्टोरिया हो सकता है। पुरुषों में हाइपोगोनाडिज्म होना गैलेक्टोरिया का सबसे मुख्य कारण है। यह रोग पुरुषों में गाइनेकोमैस्टिया का कारण भी बन सकता है, जिसमें उनके स्तन असाधारण रूप से बढ़ने लगते हैं। कभी-कभी नवजात शिशुओं में भी स्तन से दूध आने की समस्या देखी जा सकती है। ऐसा अक्सर गर्भावस्था के दौरान मां के बढ़े हुऐ एस्ट्रोजन के कारण होता है। यह गर्भनाल से होते हुऐ भ्रूण के रक्त में मिल जाता है, जिससे नवजात शिशु के स्तनों का असामान्य रूप से आकार बढ़ना और निप्पल से द्रव आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान)
गैलेक्टोरिया रोग होने का खतरा कब बढ़ता है?
स्तनों से असामयिक दूध या पानी निकलने का खतरा विशेष रूप से 20 से 35 साल की उम्र में अधिक होता है। इस समस्या के मामले पुरुषों व नवजात शिशुओं के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखे जाते हैं।