फ्रंटोनेजल डिस्प्लेसिया (एफडी) के कुछ लक्षण क्रैनियोफ्रंटोनेजल डिस्प्लेसिया (सीएफडी) से मिलते जुलते हो सकते हैं लेकिन ये दोनों बीमारियां अलग-अलग जीन में गड़बड़ी की वजह से होती हैं। वैसे तो दोनों ही बीमारी दुर्लभ हैं। फ्रंटोनेजल डिस्प्लेसिया में बच्चे के जन्म से पहले उसके सिर और चेहरे का विकास असामान्य हो जाता है।
इसमें नाक में फांक (एक तरह का क्रैक) आ जाता है और आंखों के बीच की जगह असामान्य रूप से चौड़ी हो जाती है जिसे हाइपरटेलोरिज्म कहा जाता है। यह बीमारी एएलएक्स (ALX) नाम के जीन में गड़बड़ी की वजह से होती है जबकि क्रैनियोफ्रंटोनेजल डिस्प्लेसिया ईएफएनबी1 या एफ्रिनबी1 नामक जीन में गड़बड़ी के कारण होता है और इसमें स्केलेटल डिफेक्ट यानी खोपड़ी से जुड़े जन्मजात दोष होते हैं।
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