फ्रे सिंड्रोम (भोजन के दौरान पसीना आना) - Frey's Syndrome in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

November 01, 2019

March 06, 2020

फ्रे सिंड्रोम
फ्रे सिंड्रोम

फ्रे सिंड्रोम क्या है?

फ्रे सिंड्रोम एक दुर्लभ, न्यूरोलॉजिकल विकार (नसों से संबंधित) है जिसके कारण व्यक्ति को भोजन करते समय अत्यधिक पसीना आता है। यह अक्सर पैरोटिड ग्रंथि (कान के नीचे स्थित एक प्रमुख लार ग्रंथि) से जुड़ी सर्जरी के बाद होने वाली एक समस्या है। हालांकि यह गर्दन की सर्जरी, फेसलिफ्ट (चेहरे की झुर्रियों और लटकी हुई त्वचा में कसाव लाने की थेरेपी) प्रक्रियाओं या पैरोटिड ग्रंथि के पास कोई चोट लगने से भी हो सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर किसी सर्जिकल प्रक्रिया या चोट लगने के बाद कुछ महीनों के अंदर ही शुरू हो जाते हैं, लेकिन हो सकता है कि इसके लक्षण कई वर्षों में विकसित हों।

इसमें सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति जब भोजन करने या भोजन के बारे में सोचता है, तो उसे गाल, कनपटी या कान के पीछे अत्यधिक पसीना आने लगता है। इसमें कुछ लोगों को चेहरे पर जलन, खुजली या दर्द महसूस हो सकता है। वैसे तो इसके लक्षण आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं लेकिन कई बार यह गंभीर रूप ले सकते हैं, जिससे असहजता या सामाजिक चिंता (लोगों से बात करने में हिचकिचाहट होना) हो सकती है।

फ्रे सिंड्रोम के लक्षण

अधिकांश मामलों में इस सिंड्रोम से ग्रस्त हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग होंगें। 

  • आमतौर पर भोजन या स्वाद से जुड़ी बातों पर ऑरिक्‍यूलोटेंपोरल नर्व की नस जो त्वचा को नर्व सप्लाई करती है, उस पर पसीना आना।
  • कभी-कभी इस जगह पर जलन के साथ दर्द भी हो सकता है। दर्द के दौरान कभी-कभी सुन्न होने जैसी स्थिति होना या बेसुध होना, जिसे कभी-कभी "गस्टेटरी न्यूराल्जिया" भी कहा जाता है।

फ्रे सिंड्रोम के कारण व निदान

ऐसा माना जाता है कि पसीने की ग्रंथियों को नियंत्रित करने वाली दोनों नसों को नुकसान पहुंचने पर फ्रे सिंड्रोम होता है। आमतौर पर ऐसा पैरोटिड ग्रंथियों की या इसके आस-पास की सर्जरी के साइड इफेक्ट्स के कारण भी हो सकता है। 

फ्रे सिंड्रोम का निदान मेडिकल हिस्ट्री (जो कि सर्जरी या ट्रामा में बारे में है) और लक्षणों के आधार पर किया जाता है। निदान की पुष्टि माइनर्स स्टार्च-आयोडीन नामक टेस्ट के जरिए की जा सकती है। इस टेस्ट में सर्जरी के बाद प्रभावित हिस्से को आयोडीन से पेंट किया जाता है। 

फ्रे सिंड्रोम का इलाज

जरूरत पड़ने पर इसके इलाज में लक्षणों को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया जाता है। इसका कोई प्रभावी उपचार नहीं है लेकिन निम्न विकल्पों को अपनाया जा सकता है:

  • बोटुलिनम टॉक्सिन ए (बीटीए) का इंजेक्शन
  • खराब तंत्रिका तंतुओं को सर्जरी के जरिए काटना या अलग करना (यह एक अस्थायी उपचार है)
  • मलहम लगाना जिसमे एंटीकोलिनर्जिक दवा मौजूद हो जैसे कि स्कोपोलामाइन। 

यदि लक्षण तब भी नहीं जाते हैं तो डॉक्टर को दिखाएं।



फ्रे सिंड्रोम (भोजन के दौरान पसीना आना) के डॉक्टर

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