फ्लोटिंग-हार्बर सिंड्रोम क्या है?
फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है। इस दौरान पीड़ित में कई लक्षणों का अनुभव होता है जैसे छोटा कद, हड्डियों का मिनरलाइजेशन (हड्डियों का धीमा विकास), बोलने से जुड़े विकास में देरी और चेहरे से संबंधित लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
फ्लोटिंग-हार्बर सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे के विकास में कमी आमतौर पर जीवन के पहले साल में साफ तौर देखने मिल जाती है। पीड़ित बच्चे आमतौर पर अपने उम्र वाले बच्चों में सबसे कम हाइट के होते हैं और ऐसे बच्चों की संख्या करीब 5 प्रतिशत के आसपास होती है। बचपन की शुरुआत में ही हड्डियों की लंबाई यानी विकास में देरी होती है। उदाहरण के लिए, 3 साल की उम्र के पीड़ित बच्चे की हड्डियों की लंबाई 2 साल के बच्चे की तरह होगी। हालांकि, आमतौर पर 6 से 12 साल की उम्र में हड्डियों की लंबाई सामान्य हो जाती है।
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