फीटल रेटिनोइड सिंड्रोम क्या है?
फीटल रेटिनोइड सिंड्रोम बच्चे में शारीरिक जन्म दोषों का एक विशिष्ट पैटर्न है। यह समस्या बच्चे को तब आती है जब वह गर्भावस्था के दौरान रेटिनोइड के संपर्क में आता है। दरअसल आइसोट्रेटिनोईन (एक्यूटेन) सबसे प्रसिद्ध रेटिनोइड है। इसका इस्तेमाल गंभीर सिस्टिक एक्ने (मुंहासे) के इलाज के लिए किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान रेटिनोइड्स के संपर्क में आने से भ्रूण को यह बीमारी होती है और शिशुओं में कई प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि कुछ बच्चों में फीटल रेटिनोइड सिंड्रोम से जुड़े कोई लक्षण दिखायी नहीं देते जबकि अन्य बच्चों में केवल बौद्धिक और सीखने संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। तो वहीं बीमारी से पीड़ित अन्य बच्चों में बहुत गंभीर लक्षण हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान 20-35 फीसदी भ्रूण जो रेटिनोइड के संपर्क में आते हैं उनमें कोई न कोई जन्म दोष जरूर विकसित होता है।
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