संक्षेप में :
आंखों की चोट क्या है?
आपके चेहरे की संरचना आपकी आंखों को चोट लगने से बचाती है। लेकिन फिर भी कुछ प्रकार की चोटें आपकी आंखों को क्षतिग्रस्त कर देती हैं। कई बार इतनी गंभीर चोट लग जाती है, कि व्यक्ति अपनी दृष्टि भी खो सकता है। ज्यादातर प्रकार की चोटों से आंख का बचाव किया जा सकता है।
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आंख की ऊपरी सतह में किसी प्रकार की तकलीफ होना, आंख संबंधी सबसे आम प्रकार की चोट है। कुछ प्रकार के काम जैसे किसी इंडस्ट्री में काम करना या लकड़ी का काम करना आदि में आंख में चोट लगने की संभावना अधिक रहती है। कुछ मामलों में कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से भी आंखों में चोट लग जाती है।
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आंखों की चोट के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
- आंखों के चारों तरफ नील पड़ना
- पलक में किसी प्रकार का कट या खरोंच दिखाई देना
- आंखों में लालिमा आना
- कॉर्निया और आइरिस के बीच से खून आना
- रेटिना अलग होना
- धुंधला दिखाई देना
- दोहरा दिखाई देना
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आंख की चोट के क्या कारण हैं?
आंख में चोट लगने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- आंख में कुछ जोर से लगना:
कोई ठोस वस्तु आकर तेजी से आंख में लगना जैसे बेसबॉल, पत्थर या कोई अन्य चीज जो सीधे आंख को या आंख के आस पास की मांसपेशियों या हड्डी को क्षतिग्रस्त कर देती है।
- कट या स्क्रैच लगना:
उंगली या कोई कठोर वस्तु तेजी से आंख के अंदर लगने से कॉर्निया में स्क्रैच आ सकता है।
- आंख के अंदर कोई बाहरी वस्तु घुसना:
रेत, अनाज या धातु, लकड़ी व कांच आदि के छोटे-छोटे टुकड़े आंख में घुसने से उनके तीखे कोने आंख की ऊपरी सतह को खुरच सकते हैं।
- आंख में केमिकल जाना:
शैम्पू, साबुन व केमिकल आदि आंख के अंदर जाने से उनमें मौजूद केमिकल आंखों की सतह को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
आंखों की चोट का इलाज कैसे किया जाता है?
यदि आंखों में लगी चोट गंभीर नहीं है, तो प्रभावित क्षेत्र की ठंडी सिकाई करने से सूजन कम हो जाती है और चोट जल्दी ठीक होने लगती है। हालांकि यदि आपको आंख की चोट गंभीर नहीं लग रही है, फिर भी घर पर किसी भी प्रकार का उपचार करने से पहले उसे डॉक्टर को दिखा लें।
ऐसे काम करने के दौरान जिनमें आंख में चोट लगने का खतरा अधिक होता है, उस समय आंखों को सुरक्षा प्रदान करने वाले चश्मे पहनने चाहिए। इनमें खेल-कूद में भाग लेना, सफाई करना, भोजन पकाना और मशीनों आदि के साथ काम करना आदि शामिल है।
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