परिस्त्राव विकार - Extravasation in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

November 16, 2018

October 31, 2020

परिस्त्राव विकार
परिस्त्राव विकार

परिस्त्राव होना क्या है?

परिस्त्राव विकार को मेडिकल भाषा में एक्सट्रावेसेशन कहा जाता है। यह आमतौर पर कैंसर के रोगियों को प्रभावित करता है, खासतौर पर जिनका कीमोथेरेपी से इलाज चल रहा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि कीमोथेरेपी के दौरान दी जाने वाली दवाएं द्रव में मिल जाती हैं और केशिकाओं (केपिलरी) के माध्यम से होते हुए उत्तकों में पहुंच जाती हैं। ये दवाएं त्वचा के ऊतकों में जाकर जमा हो जाती हैं, जिससे त्वचा के उस हिस्से में खुजली, जलन व अन्य कई प्रकार की एलर्जी होने लगती है। हालांकि, इससे होने वाली समस्याएं मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती हैं कि त्वचा में दवा की कितनी मात्रा का रिसाव हुआ है। कुछ गंभीर मामलों में प्रभावित हिस्से में दर्द और यहां तक कि प्रभावित हिस्सा ठीक से काम करना भी बंद कर देता है।

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एक्सट्रावेसेशन के लक्षण क्या हैं?

परिस्त्राव में होने वाले लक्षण दवा के प्रकार और उसका कितनी मात्रा में रिसाव ऊतकों में हुआ है इस पर निर्भर करते हैं। कभी-कभी शरीर का कौन सा अंग प्रभावित हुआ है, उसके अनुसार भी लक्षण हो सके हैं। परिस्त्राव में दवा के संपर्क में आते ही तुरंत ऊतकों में लक्षण शुरू हो जाते हैं। इससे होने वाले लक्षणों में निम्न को शामिल किया जाता है -

  • प्रभावित त्वचा में जलन व सूजन होना
  • खुजली
  • दर्द
  • त्वचा लाल या पीली पड़ जाना
  • संक्रमण
  • प्रभावित अंग का काम न कर पाना
  • छूने पर गर्म महसूस होना
  • एलर्जिक रिएक्शन होना
  • फफोले या घाव बन जाना

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपका कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी से चल रहा है और आपको ऊपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस होता है तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए। इतना ही नहीं यदि आपको किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है, तो भी डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए। क्योंकि कीमोथेरेपी ले रहे कुछ मरीजों को अक्सर एक्सट्रावेसेशन के लक्षण महसूस नहीं होते हैं या बहुत ही कम लक्षण महसूस होते हैं।

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एक्सट्रावेसेशन क्यों होता है?

परिस्त्राव के अंदरूनी कारण को अभी तक अध्ययनकर्ता पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। अभी तक इस बारे में स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस कारण से दवाएं केशिकाओं में रिसने लगती है। वैसे तो परिस्त्राव के मामले काफी कम देखे जाते हैं। हालांकि, कैंसर के मरीजों में यह विकार होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए बार-बार कीमोथेरेपी होती है, जिस कारण से उनमें एक्सट्रावेसेशन होने का खतरा बढ़ जाता है।

अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी में व्यक्ति की नसें कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे उनमें दवाओं का स्त्राव होने लगता है। कुछ मामलों में इंजेक्शन ठीक से न लग पाने के कारण भी दवाएं नसों की बजाए ऊतकों में लग जाती हैं, जिससे दवाएं ऊतकों में फैल जाती हैं। हालांकि, इसकी आशंका काफी कम ही होती है। 

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एक्सट्रावेसेशन का परीक्षण कैसे किया जाता है?

परिस्त्राव विकार का परीक्षण सिर्फ उसी डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए, जिससे कैंसर का इलाज चल रहा है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर सबसे पहले मरीज के प्रभावित हिस्से की जांच करते हैं। उसके बाद मरीज द्वारा ली जाने वाली दवाओं के प्रकार व उनकी खुराक की जांच करते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं खुराक कम या ज्यादा करने की जरूरत तो नहीं है।

इसके अलावा यह पुष्टि करने के लिए कि यह कोई एलर्जी या संक्रमण तो नहीं है, उसके लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। डॉक्टर द्वारा आमतौर पर निम्न टेस्ट कराए जाते हैं -

एक्सट्रावेसेशन का इलाज कैसे होता है?

परिस्त्राव विकार का इलाज करना कई बार डॉक्टर के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक्ट्रावेसेशन के लक्षणों को रोकने के लिए कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट को रोकना पड़ता है और कीमोथेरेपी को रोकते ही कैंसर के लक्षण बढ़ जाते हैं। हालांकि, यदि परिस्त्राव के मामले अधिक गंभीर नहीं है, तो कीमोथेरेपी की खुराक को कम कर दिया जाता है और साथ ही प्रभावित त्वचा को ठंडा रखने का प्रयास किया जाता है।

इसके अलावा मरीज को हो रहे लक्षणों के अनुसार कुछ दवाएं दी जाती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • दर्दनिवारक दवाएं
  • एंटी एलर्जिक
  • एंटी-इनफ्लेमेटरी

परिस्त्राव विकार के कुछ मामलों में प्रभावित अंग पूरी तरह से ही काम करना बंद कर देता है, जिससे कई बार पूरी तरह से ठीक कर पाना असंभव हो जाता है। हालांकि, कुछ दवाओं व शारीरिक थेरेपी की मदद से प्रभावित हिस्से को काफी हद तक क्रियाशील बना दिया जाता है। 

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संदर्भ

  1. The Royal children's Hospital Melbourne [internet]: Victoria State Government. Extravasation Injury Management
  2. Great Ormond Street Hospital for Children. Extravasation and infiltration. NHS Foundation Trust. [internet].
  3. European Oncology Nursing Society. Causes, Diagnosis, and Treatment of Extravasation . European Specialist Nurses Organisation. Causes, Diagnosis, and Treatment of Extravasation .
  4. Oxford University Press. Management of chemotherapy extravasation: ESMO–EONS Clinical Practice Guidelines. University of Oxford. [internet].
  5. Journal of the American Academy of Physician Assistants. How should extravasation injuries be treated?. American Academy of Physician Assistants. [internet].

परिस्त्राव विकार की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Extravasation in Hindi

परिस्त्राव विकार के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।