एपस्टीन-बार वायरस क्या है?
एपस्टीन-बार एक वायरस है, जिसकी वजह से मोनोन्यूक्लिओसिस की समस्या होती है। एपस्टीन-बार का उपनाम है 'मोनो', इसे 'किसिंग डिजीज' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ये बीमारी किस करने से ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। कई लोगों को यह वायरस होने पर बीमारी का एहसास नहीं होता है।
एपस्टीन-बार वायरस के लक्षण
निम्नलिखित लक्षणों से एपस्टीन-बार वायरस के संकेतों को पहचाना जा सकता है:
इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति दो से चार हफ्ते में बेहतर महसूस करने लगता है, लेकिन हो सकता है कि करीब दो माह तक थकान महसूस होती रहे।
एपस्टीन-बार वायरस का कारण
यह वायरस लार में पाया जाता है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति को किस करने से फैल सकता है।
- अन्य कारण में एक ही बर्तन में साथ खाना-पीना शामिल है।
- यदि संक्रमित व्यक्ति का टूथब्रश इस्तेमाल करें, तो इस स्थिति में भी यह वायरस फैल सकता है।
- चूंकि यह वायरस खून और वीर्य में भी पाया जाता है, इसलिए संभव है कि सेक्स करने या अंग प्रत्यारोपण से भी यह फैल जाए।
एपस्टीन-बार वायरस का इलाज
अन्य वायरस की तरह इसे एंटीबायोटिक के जरिए ठीक नहीं किया जा सकता है। एपस्टीन-बार कुछ सप्ताह में अपने आप ही ठीक हो जाता है। प्रभावित व्यक्ति इसके लक्षणों को कम करने के लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं:
- जितना हो सके आराम करें।
- शरीर में पानी की कमी को रोकने के लिए ज्यादा पानी पिएं या तरल आहार लें।
- गले में खराश की समस्या को ठीक करने के लिए गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करें।
- इसके अलावा दर्द निवारक दवा (पेन किलर) जैसे एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन को बुखार नियंत्रित करने एवं बदन दर्द से राहत पाने के लिए इस्तेमाल लिया जा सकता है।
ईबीवी की वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति को ईबीवी संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराने की जरूरत है।